ऐसे चुना जाता है भारत का राष्ट्रपति
राष्ट्रपति बनने के लिए आवश्यक योग्यताएँभारत का कोई नागरिक जिसकी उम्र 35 साल या अधिक हो वो एक राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार हो सकता है। राष्ट्रपति के लिए उम्मीदवार को लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता होना चाहिए और सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण नहीं करना चाहिए। परन्तु निम्नलिखित कुछ कार्यालय-धारकों को राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में खड़ा होने की अनुमति दी गई है। जिनमें वर्तमान राष्ट्रपति, वर्तमान उपराष्ट्रपति, किसी भी राज्य के राज्यपाल, संघ या किसी राज्य के मंत्री। राष्ट्रपति के निर्वाचन सम्बन्धी किसी भी विवाद में निर्णय लेने का अधिकार उच्चतम न्यायालय को है।राष्ट्रपति के पास होती है ये ताकत
भारत के राष्ट्रपति संघ के कार्यपालक अध्यक्ष हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। अनुच्छेद 52 के अनुसार संघ की कार्यपालक शक्ति उनमें निहित है। वह सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी होता है। सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाला, युद्ध एवं शांति की घोषणा करने वाला होता है। वह देश के प्रथम नागरिक है। भारतीय राष्ट्रपति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है। भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं। जिसे रायसीना हिल के नाम से भी जाना जाता है। राष्ट्रपति अधिकतम कितनी भी बार पद पर रह सकते हैं। अधिकतम की कोई सीमा तय नही हैं।
राष्ट्रपति के चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने से ही जीत तय नहीं होती है। राष्ट्रपति वही बनता है जो वोटरों यानी सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल वेटेज का आधा से ज्यादा हिस्सा हासिल करे। यानी इस चुनाव में पहले से तय होता है कि जीतने वाले को कितना वोट यानी वेटेज पाना होगा।प्रायॉरिटी का महत्वसांसद या विधायक वोट देते वक्त अपने मतपत्र पर बता देते हैं कि उनकी पहली पसंद वाला कैंडिडेट कौन है, दूसरी पसंद वाला कौन और तीसरी पसंद वाला कौन है। सबसे पहले सभी मतपत्रों पर दर्ज पहली वरीयता के मत गिने जाते हैं। यदि इस पहली गिनती में ही कोई कैंडिडेट जीत के लिए जरूरी वेटेज का कोटा हासिल कर ले तो उसकी जीत हो गई। लेकिन अगर ऐसा न हो सका तो फिर एक और कदम उठाया जाता है।
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