देश का 2018-19 का आम बजट 1 फरवरी को आने वाला है। महज कुछ घंटों बाद ब‍ि‍त्‍तमंत्री अरुण जेटली इस बजट को पढ़ने वाले हैं। ऐसे अगर आपको आम बजट को अच्‍छे से समझना है तो इन शब्‍दों का मतलब जान लें। ये वो शब्‍द हैं जो अक्‍सर बजट भाषण में व‍ित्‍तमंत्री द्वारा मुख्‍यरूप से इस्‍तेमाल क‍िए जाते हैं। यहां पढ़ें आम बजट की एबीसीडी...

बजट घाटा
अगर वित्तमंत्री बजट घाटा शब्द का इस्तेमाल करें तो आप समझ लीजिए कि यह प्राप्त राजस्व से अधिक खर्च होने की स्थिति में प्रयोग हो रहा है।

बैलेंस बजट

आम बजट के भाषण में बैलेंस बजट का इस्तेमाल केंद्रीय बजट के लिए होता है। यह शब्द तब बोला जाता है जब वर्तमान प्राप्तियां मौजूदा खर्चों के बराबर होती हैं।

बैलेंस ऑफ पेमेंट

वित्तमंत्री द्वारा बैलेंस ऑफ पेमेंट शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। इसका मतलब भुगतान संतुलन होता है। यह किसी भी देश और दुनिया के बीच होने वाले वित्तीय लेनदेन के हिसाब के लिए होता है।
कॉरपोरेट टैक्स
कॉरपोरेट टैक्स शब्द का इस्तेमाल मुख्य रूप से संस्थानों या फर्मों पर लगाए जाने वाले टैक्स के लिए होता है। इस टैक्स से सीधे सरकार को आमदनी होती है।


सेनवैट
केंद्रीय वैल्यू एडेड टैक्स के लिए सेनवैट शब्द का इस्तेमाल होता है। यह मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरर पर लगाया जाता है।
फाइनेंस बिल
फाइनेंस बिल का मतलब सरकार द्वारा प्रस्तावित नए टैक्स का विवरण होता है। हालांकि इसमें मौजूदा टैक्स में कुछ संशोधन भी शामिल होते हैं।
डॉयरेक्ट टैक्स
डॉयरेक्ट टैक्स यानी कि सीधे लगने वाला कर। यह व्यक्ति और संस्थानों की आय और उसके स्रोत पर इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स और इनहेरिटेंस टैक्स के जरिए लगता है।
इनडायरेक्ट टैक्स
इनडायरेक्ट टैक्स यानी कि सीधे न लगने वाला कर। यह उत्पादित वस्तुओं एवं आयातित-निर्यातित सामानों पर उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और सेवा शुल्क के जरिए लगता है।
उत्पाद शुल्क
एक्साइज ड्यूटी यानी कि उत्पाद शुल्क। यह शुल्क एक देश की सीमा के भीतर बनने वाले सभी उत्पादों पर लगने वाला टैक्स होता है।
सीमा शुल्क
कस्टम ड्यूटी यानी कि सीमा शुल्क। यह कर उन वस्तुओं पर लगाया जाता है, जो देश में आयातित या फिर देश के बाहर निर्यात की जाती है।

आम बजट 2018: जेटली से बहुत आगे हैं यह वित्तमंत्री 10 बार पेश कर चुके बजट, लिस्ट में ये 7 नाम भी

Posted By: Shweta Mishra