जब 'क्रेन बेदी' ने उठवा ली थी पूर्व PM की कार, जानें देश की पहली महिला IPS के बारे में ये 10 बातें
किरण बचपन से ही कुछ अलग करना चाहती थीं
कानपुर। किरण बेदी का जन्म 9 जून, 1949 को किरण पेशावरिया के रूप में अमृतसर में एक अमीर परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम प्रकाश लाल पेशावरिया और मां का नाम प्रेम लता पेशावरिया था। किरण बचपन से ही कुछ अलग करना चाहती थीं।
देश के इन संस्थानों से किरण ने पढ़ाई पूरी की
किरण बेदी ने सरकारी कॉलेज फॉर विमेन अमृतसर से ग्रेजुएशन और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। वहीं आईआईटी दिल्ली से पीएचडी और दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की।
लेक्चरर के रूप में किरण ने करियर शुरू किया
मिड डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक किरण बेदी ने अमृतसर के एक कॉलेज में राजनीति विज्ञान में लेक्चरर के रूप में अपना करियर शुरू किया था। इसके अलावा उन्होंने एक लेखिका के रूप में भी एक बेहतरीन सफर तय किया है।
टेनिस चैंपियन रहीं किरण ने जीते कई खिताब
किरण को टेनिस बहुत पसंद था।किरण 1965 से 1978 तक देश भर में कई जोनल और राज्य लॉन टेनिस चैम्पियनशिप जीती हैं। इसके अलावा वह 1972 में पुणे, महाराष्ट्र में अखिल भारतीय इंटरस्टेट महिला लॉन टेनिस चैंपियनशिप भी जीती थीं।
टेनिस कोर्ट पर ही पहली बार पति से मिली थीं
किरण और उनके पति बृज बेदी की मुलाकात अमृतसर के टेनिस कोर्ट पर ही हुई थी और यहीं से उनका रिश्ता शुरू हुआ था।किरण से उम्र में नौ बड़े ब्रज उस समय विश्वविद्यालय स्तर के टेनिस खेलते थे।आज इनकी एक बेटी साइना बेदी है।
1972 में किरण बनी पहली महिला आईपीएस
किरण बेदी 1972 में आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) में शामिल हो गई। यह बड़ी उपलब्धि पाने वाली किरण बेदी भारत की पहली महिला थीं। ऐसे में आज भी किरण बेदी का नाम भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी के रूप में लिया जाता है।
किरण ने पूर्व पीएम की कार को भी नहीं छोड़ा था
किरण नियमों को लेकर बेहद सख्त थीं।किरण बेदी ने कारों की गलत पार्किंग को रोकने के लिए क्रेनों का खूब उपयोग किया। एक बार तो उन्होंने गलत जगह खड़ी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की कार को भी नहीं छोड़ा था।लोगों ने 'क्रेन बेदी' उपनाम दिया।
कैदियों की दशा में सुधार के लिए बड़े कदम उठाए
किरण ने तिहाड़ के इंस्पेक्टर जनरल के रूप में जेल और कैदियों की दशा में सुधार के लिए कई बड़े कदम उठाए। किरण ने यह साबित किया कि कैदियों को साक्षरता, कंप्यूटर कौशल, योग, ध्यान से काफी हद तक समाज के लिए उपयोगी बना सकते हैं।
किरण ने समाज में महिला हित में काफी काम किए
किरण बेदी ने महिला हित में काफी काम किए। किरण ने 1994 में इंडिया विजन फाउंडेशन और 1998 में नवजयोति संग्ठनों की शुरुआत की। ये संगठन नशे की लत और महिलाओं की स्थितियों में सुधार लाने की दिशा में काम करते हैं।
किरण पर बनी फिल्म, टीवी शो में भी किया काम
किरण बेदी के जीवन काहानी को विजया शांति अभिनीत 'कार्थवीम' नामक एक तेलुगू फिल्म में दिखाया गया है। यह आंध्र प्रदेश में 80 के दशक की सबसे बड़ी हिट्स फिल्म साबित हुई थी।किरण ने आप की कचहरी नामक टीवी शो में भी काम किया है।