खुद को सबसे बड़ा झूठा कहने वाले 'बाहुबली' के कहानीकार विजयेंद्र प्रसाद को जानते हैं आप
नंबर एक- वी. विजयेंद्र प्रसाद का बचपन काफी गरीबी में बीता और उन्हीं हालात से निकलने की जिद्द ने उन्हें पटकथा लेखक बनने के लिए इंस्पायर किया। उनकी कहानी पर बनने वाली पहली फिल्म थी 1988 में आई फिल्म 'जानकी रामुडु' जो उन्होंने एक अन्य राइटर के साथ संयुक्त रूप से लिखी।
नंबर तीन- विजयेंद्र का कहना है कि वे इत्तेफाक से कहानी लेखक बन गए और तब उन्हें लगा कि कहानी झूठ को सच बनाने का तरीका है। इसलिए वो अपने आप को सबसे बड़ा झूठा मानते हैं।
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नंबर चार- विजयेंद्र बाहुबली के निर्देशक एसएस राजामौलि के पिता भी हैं और उनकी और भी सात हिट फिल्मों की कहानी लिख चुके हैं।
नंबर पांच- जिनमें से 'मगधीरा', 'छत्रपति', 'विक्रमारकुडु' और 'यमडोंगा' सबसे ज्यादा कामयाब रहीं।
नंबर छह- वैसे वे अब तक दो दर्जन फिल्मों की कहानी लिख चुके हैं, और तीन फिल्में निर्देशित भी कर चुके हैं
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नंबर आठ- इसके अलावा उन्होंने कबीर खान के डायरेक्शन में बनी सलमान खान की सुपर हिट फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की भी कहानी लिखी थी।
नंबर नौ- उनकी एक और हिट फिल्म 'ईगा' यानि 'मक्खी' से जुड़ी भी रोचक कहानी है। कम लोग जानते हैं कि इस फिल्म की कहानी स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म 'ई.टी.' यानि 'द एक्स्ट्रा टेरस्ट्रियल' से प्रभावित होकर लिखी थी। उन्होंने अपने दोस्त तेलुगु फिल्मों के राइटर-एक्टर के.एल. प्रसाद के कहने पर एक भद्दे से प्राणी जिसको सब प्यार करने लगें पर फिल्म लिखने का इरादा किया और मक्खी की कहानी का जन्म हुआ।
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नंबर दस- उन्हें जानने वाले बताते हैं कि वे बॉलीवुड फिल्म 'शोले' के जबरदस्त फैन हैं और कोई भी नई कहानी लिखने से पहले ये फिल्म जरूर देखते हैं। जल्दी ही उनकी कहानियों पर बनी दो बॉलीवुड फिल्में दर्शकों के सामने आने वाली हैं। पहली है सनी देयोल की 'मेरा भारत महान' और दूसरी कंगना रनौत स्टारर 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी'। इसके अलावा फराह खान ने भी उनसे अपनी एक फिल्म की कहानी लिखने की रिक्वेस्ट की है।