Merry Christmas: ये है असली वजह, इसलिए सजता क्रिसमस ट्री और गिफ्ट देने आते हैं सांता क्लॉज
खास होता है यह फेस्टिवल क्रिसमस प्रभु यीशू के जन्मोत्सव की तरह मनाया जाता है। इस त्योहार को दुनिया भर में 25 दिसंबर को मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन प्रभु यीशु ने जन्म लिया था। खुशी और उत्साह का प्रतीक इस त्योहार पर ईसाई धर्म के अनुयायी घर में संपन्नता के लिए 'क्रिसमस ट्री' को लगाते हैं और अपने घर को सजाते हैं। घर के आस-पास के पौधों को रंगीन रोशनी और फूलों से सजाया जाता है। इसके अलावा सांता क्लॉज उपहार बांटते हैं।
अमीर परिवार से ताल्लुक रखने वाले निकोलस के बचपन ही अनाथ हो गए थे। निकोलस जब बड़े हुए तो ईसाई धर्म के पादरी और बाद में बिशप बने। वह संत निकोलस के नाम से जाने गए। संत निकोलस को अपने आस-पास मौजूद गरीब, नि:शक्तजनों और खासतौर पर बच्चों को गिफ्ट देना बहुत पसंद था। इससे उन्हें मन की शांति मिलती थी। पहले तो लोगों को उनका यह रवैया नहीं पसंद था लेकिन बाद इस नजरिए को लोगों ने अपनाया।
क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री सजाने की यह परंपरा जर्मनी में 8वीं शताब्दी से शुरू हुई थी। बोनिफेस नाम के एक ईसाई धर्म प्रचारक ने इसकी शुरुआत की थी। इसके बाद अमेरिका में 1912 में एक बीमार बच्चे जोनाथन के अनुरोध पर उसके पिता ने क्रिसमस का पेड़ लगाकर उसे अच्छे से सजाया था। क्रिसमस ट्री से घर से वास्तु दोष दूर होता, खुशियों का आगमन होता है। इस पर लगी रोशनी और घंटी से पॉजिटिव एनर्जी आती है। धन की कमी नहीं होती है।क्रिसमस ट्री सजाने से पहले जान लें ये 5 जरूरी बातें, होंगे बड़े फायदे