हरियाली तीज व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु के लिए किया जाता है। इसका महत्व व शुभ मुहूर्त आपको इस खबर में बता रहे हैं।
By: Swati Pandey
Updated Date: Wed, 12 Sep 2018 12:34 PM (IST)
हरियाली तीज, कजरी तीज और करवा चौथ की तरह यह हरितालिका तीज सुहागिनों का व्रत है। पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत सभी सुहागिनें निष्ठा के साथ रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि
भगवान शंकर को पाने के लिए माता पार्वती ने किया था, जिसमें उन्होंने अन्न और जल तक ग्रहण नहीं किया था। इसलिए यह व्रत महिलाएं निर्जला रखती हैं। इसमें महिलाएं भगवान शिव, माता पर्वती और गणेश जी की पूजा की जाती है। कई कुंवारी कन्या भी यह व्रत करती हैं।
इस तीज के प्रमुख नियम
यह व्रत निर्जला किया जाता है, जिसमें महिलाएं थूक तक नहीं घोंट सकती हैं। इस व्रत का काफी महत्व है, जहां महिलाएं गीली काली मिट्टी या बालू रेत से भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश की मूर्ति बनाकर पूजा करती हैं। इस व्रत का यह नियम है कि इसे एक बार प्रारंभ करने पर हर साल पूरे नियम से किया जाता है। महिलाएं एकत्रित होकर रतजगा करती हैं और भजन कीर्तन पूरे रात तक करती रहती हैं।
हरतालिका तीज व्रत कैसे करें
इस दिन शादीशुदा महिलाएं नए लाल वस्त्र पहनकर, मेहंदी लगाकर, सोलह श्रृंगार करती है और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती जी की पूजा की जाती है। इस पूजा में शिव-पार्वती की मूर्तियों का विधि विधान से पूजा किया जाता है। फिर हरतालिका तीज की कथा को सुना जाता है। माता-पार्वती पर सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है। भक्तों में मान्यता है कि जो सभी पापों को हरने वाला हरतालिका व्रत को विधि-विधान से किया जाता है। उसके सौभाग्य की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं।
ये है हरतालिका तीज व्रत का शुभ मुहूर्तप्रात:काल हरतालिका तीज- सुबह 05:45 से सुबह 08:18 बजे तकप्रदोषकाल हरतालिका तीज- शाम 6:30 बजे से रात 08:27 बजे तकपूजा का वक्त- 1 घंटा 56 मिनटपूजा से पहले जुटा लें ये पूजन सामग्री
हरतालिका तीज की पूजन सामग्रीहरतालिका तीज व्रत की पूजा से पहले इन पूरे पूजन सामग्री को जरुर रख लें।गीली काली मिट्टी या बालू रेत।बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनैव, नाडा, वस्त्र, सभी प्रकार के फल एवं फूल पत्ते, फुलहरा (प्राकृतिक फूलों से सजा )।
पार्वती मां के लिए सुहाग सामग्रीमेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, बाजार में उपलब्ध सुहाग पुड़ा आदि।
श्रीफल, कलश, अबीर, चन्दन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, घी, दही, शक्कर, दूध, शहद पंचामृत के लिए।
इन बातों का रखें ध्यानसुबह सूर्य निकले से पहले उठ जाएं और स्नान करके साफ वस्त्र धारण कर लें।शाम माता पार्वती और शिवजी के पूजन की तैयारी करें।दिनभर व्रत रखें, अपने स्वास्थ का ख्याल रखें, यदि कोई परेशानी है तो जल, फल, जूस, आवश्यक चीजें और दवाई लेते रहें। हो सके तो हरतालिका तीज का पूजन अन्य महिलाओं के साथ मिलकर समूह में करें या किसी मंदिर में करें। पूजन के लिए केले के पत्तों का प्रयोग कर मंडप बनाएं उसमें गौरी-शंकर की मूर्ति स्थापित करें।सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन करें।माता पार्वती का पूजन करें, सुहाग की सामग्री अर्पित करें।शिवजी का पूजन करें, वस्त्र अर्पित करें।हरितालिका तीज की कथा सुनें।माता पार्वती और शिवजी की आरती करें, मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।रात में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण करें।
ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी Posted By: Swati Pandey