कैसे बनता है वोटर आईडी कार्ड ऑनलाइन, ऑफलाइन
ऑफलाइन वोटर आईडी बनवाने के लिए करें ये
सबसे पहले अपने एड्रेस प्रूफ को अपने पास रख लें। इसमें आपका राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर, पानी, बिजली, टेलीफोन या गैस कनेक्शन के बिल में से कोई भी एक चीज चल सकती है। इसके अलावा आपको म्युनसिपल ऑफिस या रजिस्ट्रार ऑफ बर्थ्स एंड डेथ्स के जिला ऑफिस से जारी किया गया बर्थ सर्टिफिकेट भी चाहिए होगा। इसके न मिलने पर आप अपना 10वीं का सर्टिफिकेट भी दे सकते हैं। वो सर्टिफिकेट जिसमें आपकी सही उम्र दर्ज हो। इनमें से भी कुछ न हो तो ऐसी कंडीशन में वोटर लिस्ट में शामिल आपके माता-पिता में से कोई एक अपने साइन के साथ आपकी उम्र का सबूत दे सकते हैं। यहां ध्यान दीजिएगा कि ये डिक्लेरेशन एक परफेक्ट फॉर्मेट में होता है। इसको फॉर्म के साथ लिया जा सकता है। ये सबूत देने के बाद आपका वोटर आईडी कार्ड बनने के लिए चला जाएगा। इसके करीब एक महीने के बाद आपका वोटर कार्ड बनकर तैयार हो जाएगा। अब सवाल ये उठता है कि ये वोटर कार्ड आप लेंगे कहां से। वोटर कार्ड को लेने के लिए आपको अपने एरिया के वोटर सेंटर तक जाना होगा।
इसको सब्मिट करने के बाद अब निर्वाचन आयोग का कोई एक अधिकारी आपके बताए एड्रेस पर आपका वैरिफिकेशन करने आएगा। इसके अलावा वो आपके सब्मिट किए सारे दस्तावेजों को भी वैरिफाई करेगा। इन सबके सही पाए जाने पर वह आपको एक रसीद दे देगा। इस रसीद के मिलने के बाद आपको निर्वाचन आयोग की ओर से ही आपका वोटर आईडी कार्ड बन जाने की भी जानकारी मिलेगी। इसके बाद आप खुद जाकर इसको ले सकते हैं। ऑन लाइन देख सकते हैं वोटर लिस्ट भी सिर्फ यही नहीं आप अपने नाम को भी वोटर लिस्ट में ऑनलाइन देख सकते हैं। पहचान पत्र के नंबर से भी आप इसको सर्च कर सकते हैं। अब अगला टॉपिक आता है कि कहीं आपके वोटर आईडी कार्ड में कोई गलती तो नहीं चली गई। हां, तो आप ऑनलाइन ही इसको भी सही करा सकते हैं। इसका भी लिंक निर्वाचन आयोग की साइट पर दिया गया है।
ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाते समय एक बात का ध्यान जरूर रखें कि ये कार्ड तभी बन सकता है जब निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची को रिन्यू किया जाता है। वैसे समय-समय पर निर्वाचन आयोग ऐसा करता ही रहता है। इसकी खबर आपको न्यूज पेपर के माध्यम से मिल जाएगी। इसके लिए भी आप सीधे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।