बेटों को बनाना है बेहतर इंसान तो पड़ने दें प्यार में
प्यार में पउ़ते ही लड़के अपने फालतू घूम रहे दोस्तों के साथ यहां वहां आवारागर्दी करना बंद कर देते हैं। गर्लफ्रेंड के साथ ही वक्त बिताते हैं और क्योंकि उसके साथ घूमते हैं तो बेहतर जगहों का सलेक्शन करते हैं। साथ ही उसको इंप्रेस कर सकें इसके लिए काम और पढ़ाई दोनों को लेकर गंभीर हो जाते हैं। समय की कीमत समझने लगते हैं।
मां भले ही चिल्लाती रहे पर अपनी मेंटिनेंस और खुद को प्रेजेंटेबल बनाने पर लड़के तब तक ध्यान नहीं देते जब तक उनकी लाइफ में गर्लफ्रेंड नहीं आती। उसके आते ही वो कपड़ों से लेकर हेयर कट और बॉडी ओडर तक हर चीज पर ध्यान देनने लगते हैं। साथ ही साफ सुथरे कपड़ों में स्टाइलिश बन कर रहते हैं।
आलतू फालतू काम पर पैसा खर्च करना बंद करके सेविंग करना शुरू कर देते हैं ताकि जब गर्लफ्रेंड को लेकर बाहर जायें तो पैसों की समस्या ना आये। यानि फिजूलखर्ची पर लग जाता है टोटल बैन।
जिम्मेदार हो जाते हैं
गर्लफ्रेंड की एंट्री के साथ ही लड़कों की लाइफ में रिस्पांसिबिलटी की भावना की भी एंट्री हो जाती है। वे समझने लगते हैं कि अब वे किसी के लिए जवाबदेह हैं और इसलिए कोई भी कदम सोच समझ कर उठाना सीख जाते हैं।
गर्लफ्रेंड को प्रोटेक्ट करते करते वो समझ जाते हैं कि महिलायें बेहद भावुक होती हैं और उनको हर्ट करना अच्छी बात नहीं। अपनी गर्लफ्रेंड को रेस्पेक्ट देने के बाद वो महिलाओं को सम्मान देना सीख लेते हैं। छोटे छोटे एटिकेट उनमें सहज रूप से आ जाते हैं।Relationship News inextlive from Relationship Desk