एनडी तिवारी : सबसे पहले पूछते थे मजदूरों का हाल, फोन न उठने पर अफसरों से करते थे एेसा बर्ताव
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LUCKNOW: एनडी तिवारी को यूपी का सबसे सरल और सुलभ मुख्यमंत्री भी माना जाता है। नारायण दत्त तिवारी के निधन से यूपी के सियासी गलियारों में शोक की लहर है। राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम राजनेताओं ने उनके शोक पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा कि यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तथा आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रहे चुके एनडी तिवारी एक लोकप्रिय नेता रहे हैं। उनका व्यवहार सभी लोगों के साथ स्नेहपूर्ण था। आम आदमी के साथ उनका गहरा लगाव था। उनके पास जो भी व्यक्ति जाता था उसकी वह अवश्य मदद करते थे। योगी ने एनडी तिवारी के परिजनों से फोन पर बात कर उन्हें सांत्वना भी दी।
सबसे पहले मजदूरों से उनकी परेशानी पूछते
नारायण दत्त तिवारी को लेकर कहा जाता है कि वे अक्सर देर रात औचक निरीक्षण पर जाते थे और सबसे पहले मजदूरों से उनकी परेशानी पूछते थे। इस दौरान किसी अफसर के न आने या फिर फोन न उठाने से नाराज भी नहीं होते थे और अगले दिन बेहद शालीनता से इसका कारण पूछ लेते थे। यह एनडी तिवारी के सरल स्वभाव और मुलायम सिंह यादव से उनकी नजदीकी का ही नतीजा था कि पूर्ववर्ती सपा सरकार में अखिलेश यादव ने उन्हें स्टेट गेस्ट बनाया गया और एक सरकारी बंगला भी आवंटित किया गया। वह अक्सर सरकार और पार्टी के अहम कार्यक्रमों में नजर आते थे।
फैक्ट फाइल
- 1952 में नैनीताल से चुनाव जीतकर सबसे कम उम्र के विधायक बने
- 21 जनवरी 1976 से 30 अप्रैल 1977 तक पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने
- 3 अगस्त 1984 से 10 मार्च 1985 तक दूसरी बार मुख्यमंत्री रहे
- 11 मार्च 1985 से 24 सितंबर 1985 तक तीसरी बार मुख्यमंत्री रहे
- 25 जून 1988 से 5 दिसंबर 1989 तक मुख्यमंत्री का पद संभाला
- 2002 से 2007 तक उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया