जयललिता के बाद अन्नाद्रमुक की किस्मत तय करेगी ये महिला, इसकी कहानी कम दिलचस्प नहीं
अजूबे से कम नहीं जयललिता के निधन पर शशिकला नटराजन पूरे दिन उनके पार्थिव शरीर के बगल में खड़ी रहीं। उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थ्ो। शशिकला और जयललिता की दोस्ती की एक बड़ी दिलचस्प कहानी है। इनकी दोस्ती को लेकर कहा जाता है कि इन दोनों की दोस्ती होना किसी अजूबे से कम नही है। दोनों बिल्कुल अलग-अलग दिशाओं से थी। जयललिता एक मशहूर हस्ती थीं जब कि शशिकला वीडियो कैसेट बेचती थी।
जललिता उस समय मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन के साथ सत्ता में काफी अच्छी पोजीशन पर थीं। जिससे नटराजन भी इस जुगाड़ में लग गए कि शशिकला को जयललिता से मिलवाया जा सके। ऐसे में इसके लिए उन्होंने चंद्रलेखा से इस बात का जिक्र किया। इस पर चंद्रलेखा भी तैयार हो गई। इसके बाद दोनों की मुलाकात कराई गई। एक ही बार मिलने पर शशिकला और जयललिता में गहरी दोस्ती हो गई।
इसके बाद जयललिता शशिकला की किसी भी मदद में पीछे नहीं रहती थीं। 1988 में शशिकला अपने पूरे परिवार के साथ जयललिता के घर में भी रहीं। जयललिता शशिकला को अपना बड़ा हितैषी मानने लगीं थीं। वह उनके साथ पार्टी से जुड़े सभी फैसलों में अहम भूमिका निभाने लगीं। इसके अलावा उनकी संपत्ति आदि की भी सारी जानकारी शशिकला ही रखती थीं। इसके बाद उनकी दोस्ती में कई उतार-चढ़ाव भी हुए जो काफी चर्चा में रहें।दुनिया की सबसे ताकतवर हस्तियों में मित्र बराक से आगे निकले मोदी, देखें सूची
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