बजट में वित्‍तमंत्री ने वित्‍तमंत्री अरुण जेटली ने लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स लगाकर एसआईपी के जरिए म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को चिंता में डाला दिया। शेयर बाजार ने भी इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी और सेंसेक्‍स में बजट के दूसरे दिन भी गिरकर जारी रही। शुक्रवार को सेंसेक्‍स 839 प्‍वाइंट गिरकर बंद हुआ। आइए उदाहरण सहित समझते हैं इस नये प्रकार के टैक्‍स लगने पर आपको कितना फायदे या नुकसान का सौदा रह गया है म्‍यूचुअल फंड।


कम से कम एक साल बाद हुआ मुनाफा कहलाएगा लांग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी)लांग टर्म कैपिटल गेन की श्रेणी में वह मुनाफा आएगा जो शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश के बाद कम से कम एक वर्ष बाद प्राप्त हुआ हो। मुनाफे की वह रकम भी कम से कम एक लाख रुपये से ऊपर होनी चाहिए। एलटीसीजी निवेश की अवधि में नहीं शेयर या म्यूचुअल फंड की यूनिट बेचे जाने के बाद प्राप्त मुनाफे पर लगाई जाएगी। निवेश की गई मूल राशि को घटाने के बाद जो रिटर्न प्राप्त होगा वह मुनाफा होगा। यदि वह एक लाख रुपये से अधिक है तो उस पर 10 प्रतिशत एलटीसीजी टैक्स देय होगा।म्यूचुअल फंड में एसआईपी के एक उदाहरण से ऐसे समझें कितना होगा लाभ या नुकसानएसआईपी द्वारा प्रति माह निवेश की रकम    5000 रुपयेनिवेश की अवधि    10 वर्षअनुमानित वार्षिक रिटर्न की दर    15 प्रतिशत
10 साल बाद


कुल प्राप्त रकम    13.9 लाख रुपयेकुल निवेश की गई रकम    6 लाख रुपयेमुनाफे की रकम या लांग टर्म कैपिटल गेन    7.9 लाख रुपयेलांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स    79 हजार रुपयेलंबी अवधि पर नहीं पड़ेगा कोई खास फर्क

एलटीसीजी लगने के बाद आपके मुनाफे की रकम 7.11 लाख रुपये बैठती है। यानी यह टैक्स न लगता तो 10 साल बाद आपको 79 हजार रुपये ज्यादा मिलता। जानकार मानते हैं कि 10 साल बाद प्राप्त होने वाले रिटर्न के मुकाबले इतनी रकम कोई बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती क्योंकि लंबी अवधि में जोखिम कम होता है और निवेशकों का अनुमानित लाभ कहीं ज्यादा होता है। जानकारों का कहना है कि इससे लंबी अवधि के दौरान कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। एक तरह से देखा जाए तो सरकार ने निवेशकों के मुनाफे पर टैक्स लगाकर उनकी सोशल रिस्पांसिबिलिटी तय कर दी है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh