आज कई देशों में मनोरंजन के नाम पर इंसानों व जानवरों के बीच के कई अनोखें खेल आयोजित होते हैं। जो कई बार घातक भी साबित होते हैं। हालांकि ये खेल पारंपारिक रिवाजों से जुड़े माने जाते हैं। जिससे लोग इन्‍हें हर हाल में खेलना पसंद करते हैं। भारत में सांडों संग खेला जाने वाला जल्‍लीकट्टू इन्‍हीं खेलों में से एक है। जिससे इस पर बैन लगने के विरोध से आज यह अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर चर्चा में छा गया है। ऐसे में आइए आज जानें जल्‍लीकट्टू की तर्ज पर दूसरे देशों में आयोजित होने वाले ऐसे ही खेलों के बारे में...


जल्लीकट्टू: तमिलनाडु में पोंगल के उत्सव में जल्लीकट्टू का खेल आयोजित होता है। तमिल भाषा में 'जल्ली' शब्द दरअसल 'सल्ली' से आया है जिसका मतलब होता है 'सिक्के' और कट्टू का अर्थ है 'बांधा हुआ।' यह खेल सांडों का होता है। जिसमें उसकी सींग पर एक कपड़ा और कुछ नोट बांधे जाते हैं। इस दौरान सांड दौड़ाए जाते हैं और जो उनका लाल कपड़ा निकाल लेता है। वह विनर होता है। इस खेल में सांड़ो को भड़काने के लिए उन पर लाल मिर्च, गर्म सलाखों से चोट और उनकी पूंछ तक मरोड़ी जाती है। ऐसे में इस खेल पर सुप्रीम कोर्ट ने बैन लगा दिया था। जिससे इस 4 सौ साल पुरानी इस परंपरा पर बैन का बड़ी संख्या में लोग विरोध कर रहे हैं। तमिलनाडु में फिल्म इंडस्ट्री से लेकर कई बड़ी हस्ितयां इसे शुरू करने की मांग कर रही हैं।


बुल रनिंग:

यह बुल रनिंग यानी कि फाइटिंग वाला खेल स्पेन में भी खेल जाता है। यहां पर यह प्रतियोगिता बड़े स्तर पर आयोजित होती है। यह खेल यहां पर पूरे 9 दिन तक चलता है। इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों की उम्र 18 साल से अधिक की होनी चाहिए। इसमें सांडों का एक झुंड शहर की पथरीली और भीड़भरी गलियों में 850 मीटर की दूरी में दौड़ाया जाता है। जिसमें सभी सांडों को एक झुंड में रखने की कोशिश होती है। इस दौरान खेल में खिलाड़ी सफेद कपड़े पहनकर गले में लाल रूमाल बांधते हैं। जिससे सांड भड़कते हैं। यहां पर होने वाले इस पारंपरिक खेल को देखने के लिए दुनियाभर से हजारों की तादाद में दर्शक पहुंचते हैं।

जल्लीकट्टू ही नहीं ये भी हैं भारतीय परंपरा से जुड़े रोमांचक खेलInternational News inextlive from World News Desk

Posted By: Shweta Mishra