चार तरह की होती है रिलेशनशिप, जो पहुंच सकती हैं शादी की मंजिल तक
नाटकीय जोड़े
अपने रिश्ते में बेहद नाटकीय व्यवहार करने वाले और वैसी ही अपेक्षा रखने वाले जोड़े हैं पहली कटेगरी। इनके रिश्तें में काफी उतार चढ़ाव आते हें और डेटिंग के दौरान इनकी प्रतिबद्धता में दूसरे जोड़ों के मुकाबले दुगने तक स्विंग देखे जाते हैं। पर फिर भी ये लगने के बावजूद कि इनका रिश्ता टिकना मुश्किल है ऐसी जोड़ियां शादी के मुकाम तक पहुंच जाती हैं।
अपने पार्टनर पर फोकस करने वाले जोड़े
ऐसे जोड़े शादी तो करते ही हैं हमेशा खुश रहते हैं क्योंकि इनका रिश्ता अपने साथी पर ही पूरी तरह आधारित होता है। ये एक दूसरे से इतने इन्वाल्व होते हैं कि बाकी बातें असर नहीं डालतीं। ये एक दूसरे पर पूरी तरह निर्भर होते हैं और जो कुछ भी ये एक दूसरे के लिए करते हैं उससे इनका कमिटमेंट बढ़ता चला जाता है। ऐसे जोड़ों को ही शायद मेड फॉर ईच अदर कहते हैं।
मतभेदों से प्रभावित होने वाले जोड़े
ऐसा लगता है कि इनकी प्रतिबद्धता में कमी आ रही है खास कर जब ये आपस में तर्क करते हैं। इनकी निष्ठायें एक दूसरे के प्रति बहुत मजबूत नहीं होती पर इसका ये मतलब नहीं है कि वो एक दूसरे से अलग हो जायेंगे या उनका ब्रेकअप हो जायेगा क्योंकि ये तर्क और मतभेद ही इनके रिश्ते का आधार होते हैं।
जैसे पार्टनर पर फोकस करने वाले जोड़ों का कमिटमेंट स्तर बहुत ऊंचा होता है ऐसा ही इनके साथ भी है। ये बेहद संतुष्ट और स्थयित्व वाले कपल होते हैं जो हर जगह क दूसरे से जुड़े रहते हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट से लेकर सोशल गेदरिंग तक। ये समजिक मान्यताओं के आधर पर अपनी प्रतिबद्धता को जांचते हैं और उसे तोड़ने से कतराते हैं। लिहाजा उनका अलग होना मुमकिन नहीं होता।inextlive from Relationship Desk