समुद्र के नीचे तीर्थ, गोता लगाकर जाते हैं दर्शन करने
कहते हैं कि इंडोनेशिया एक समय में मुख्य रूप से एक हिन्दू प्रांत था। वहीं के एक दीप बाली से 50 किलोमीटर पश्चिम में सिंगराजा के एक छोटे से तटीय गांव में पेमुटेरन पर समुद्र के भीतर गहरे पानी में विभिन्न बौद्ध और हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। पुरातत्व विज्ञानियों के अनुसार ये मूर्तियां करीब 5000 साल पुरानी हो सकती हैं।
कुछ लोगों का कहना है कि महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा द्वारिका नगरी समुद्र तट पर बसायी गयी थी। कालांतर में ये नगरी समुद्र में डूब गयी बतायी जाने लगी। अब हिंदू धर्म के मानने वाले लोगों को लगता है कि ये समुद्र में डूबी उसी द्वारिका के अवशेष हो सकते हैं।
स्विमिंग करते हुए, डुबकी लगा कर, होते हैं दर्शन
इस मंदिर में दर्शन करने के लिए लोगों को पानी में गोता लगा कर जाना होता है। ये मंदिर पानी में कई फुट गहराई में है इसीलिए बिना प्रशिक्षण के यहां दर्शन करना एक कठिन कार्य है। इसके बावजूद श्रद्धालु ट्रेनिंग लेकर यहां आते हैं और इन प्राचीन मूर्तियों के दर्शन करते हैं।
इस मंदिर को सुंदर बनाने के लिए कुछ साल पहले पानी के नीचे मंदिर गार्डन भी बनाया गया जिसमे विभिन्न देवताओं सहित बुद्ध, सरस्वती और गणेश की पत्थर की मूर्तिया स्थापित की गयी हैं। रंग बिरंगे समुद्री पौधे और पत्थरो से यह बगीचा सजाया गया है।
इस स्थान पर एक भगवान शिव की मूर्ति भी समुद्र के अंदर ही मिली। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उस समय यहां शिव की पूजा भी होती रही होगी। लोग यहां इस शिव मूर्ति के दर्शन के लिए भी आते हैं।Interesting News inextlive from Interesting News Desk