वीरता पुरस्कार मिलने के बाद शहीद हुए कर्नल राय
वीरता पुरुस्कार के बाद शहादतजम्मू-कश्मीर में पुलवामा के त्राल इलाके में आतंकियों से हुई एक मुठभेड़ में जख्मी हुए सेना के कर्नल एम एन राय और एक पुलिस कॉन्सटेबल संजीव कुमार शहीद हो गए. शहीद कर्नल एमएन राय को एक दिन पहले ही गणतंत्र दिवस के मौके पर वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. गणतंत्र दिवस पर सम्मान पाने वाले कर्नल ने अगले ही दिन शहादत का तमगा पहन लिया. इससे पहले कर्नल ने अपने व्हाट्स-एप पर स्टेटस डाला था कि 'जिंदगी में बड़ी शिद्दत से निभाओं अपना किरदार कि परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहे.' कर्नल ने जाते-जाते ऐसा काम कर भी दिया उनके जाने के बाद भी उनके लिए तालियां बजती रहेंगी.हिजबुल के आतंकियों से हुई थी मुठभेड़
दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के अंतर्गत हंजूरा त्राल में हुए इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों को मार गिराया है. सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि यहां से करीब 36 किलोमीटर दूर त्राल के मिंडोरा गांव में मुठभेड में 42 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल एम एन राय और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. श्रीनगर में आज सेना के जवानों ने नम आंखों से कर्नल को श्रद्धांजलि दी. आर्मी स्पोक्सपर्सन ने बताया कि कर्नल राय गणतंत्र दिवस पर वीरता पदक से पुरस्कृत किए जाने वाले सेन्यकर्मियों में शामिल थे. उन्हें पिछले साल दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड में उनकी भूमिका को लेकर युद्ध सेवा पदक से पुरस्कृत किया गया है. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले कर्नल एम एन राय नौ गोरखा राइफल्स में कार्यरत थे लेकिन फिलहाल राष्ट्रीय राइफल्स में प्रतिनियुक्ति पर थे. उनके परिवार में दो बेटियां और एक बेटा है. सेना को ऐसी खबर मिली थी कि एक स्थानीय हिज्बुल आतंकवादी अपने अन्य साथियों के साथ आया है. पुलिस ने राष्ट्रीय राइफल्स की मदद से तलाशी अभियान शुरु किया जिसके बाद आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड छिड़ गयी. पुलिस के अनुसार मुठभेड में मारे गए आतंकवादियों की पहचान मिंडोरा निवासी आदिल खान और शिराज डार के रुप में हुई है. मुठभेड स्थल से हथियार और गोला-बारुद बरामद किए गए.
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