अल्ताफ़ की नामज़दगी पेशी के बाद तय होगी
हुसैन को मंगलवार को लंदन में हवाला के एक मामले में हिरासत में लिया गया था.इंग्लैंड में किसी को गिरफ़्तार करने के बाद मामला अदालत में जाता है और तय किया जाता है कि मामले में गिरफ़्तार व्यक्ति को अभियुक्त के रूप में नामज़द किया जाए या नहीं.इसके लिए 36 घंटे का वक़्त निर्धारित है. ग़ौरतलब है कि भारत में यह निर्धारित वक़्त 24 घंटे का होता है. अल्ताफ़ को अस्पताल से छुट्टी मिलने के उपरांत वापस पुलिस स्टेशन जाने के बाद ये 36 घंटे शुरू होंगे.अपीलहुसैन को हिरासत में लेने पर बीबीसी उर्दू के संवाददाता अदिल शाहज़ेब ने बताया कि मूवमेंट के वकील ने स्कॉटलैंड यार्ड से दरख़्वास्त की थी कि चूंकि हुसैन का पहले से ही अस्पताल में भर्ती होना तय है इसलिए उन्हें रिहा किया जाए.
हुसैन साल 1991 से लंदन में रह रहे हैं. वे हमेशा कहते रहे हैं कि पाकिस्तान लौटने पर उनकी जिंदगी को ख़तरा हो सकता है. 1992 से ही वे लंदन से अपनी पार्टी का संचालन कर रहे हैं.एमक्यूएम में सबसे ज्यादा संख्या मोहाजिरों की है और यही इसके सबसे बड़े समर्थक भी हैं. मोहाजिर उन उर्दू भाषी मुसलमानों को कहा जाता है, जो विभाजन के समय भारत से आकर पाकिस्तान में बस गए थे.हुसैन पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने मोहाजिरों की भावनाओं को राजनीतिक दिशा दी. इसके लिए उन्होंने 1984 में एमक्यूएम पार्टी की स्थापना की थी.