सावन शुरु होते ही कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। लाखों भक्त कांवड़ यात्रा लेकर निकलते हैं। इस यात्रा में तलवार त्रिशूल अन्य हानिकारक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

देहरादून (एएनआई)। उत्तराखंड प्रशासन ने कहा है कि कल से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को तलवार, त्रिशूल और ऐसी अन्य हानिकारक वस्तुओं के साथ अनुमति नहीं दी जाएगी। इन सामग्रियों को जिला सीमा पर जब्त करने के निर्देश थाना व चौकी प्रभारी को दे दिए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनमेजय खंडूरी ने कहा, "कल से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में तलवार, त्रिशूल और लाठी लाने पर प्रतिबंध रहेगा। सभी थाना और चौकी प्रभारी को जिला सीमा पर इन्हें जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं।"

कांवड़ यात्रा होती है काफी खास
'कांवड़ यात्रा' भगवान शिव के भक्तों की एक वार्षिक तीर्थयात्रा है। कांवरिया (तीर्थयात्री) उत्तराखंड में हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री और बिहार के सुल्तानगंज जैसे स्थानों पर गंगा नदी का पवित्र जल लाने के लिए जाते हैं। फिर वे उसी जल से भगवान की पूजा करते हैं। कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर, उत्तराखंड में 2021 में कांवड़ यात्रा रद्द कर दी गई थी और 'हर की पौड़ी' में प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया था।

आवाजाही के व्यपाक इंतजाम
इस बीच, दिल्ली यातायात पुलिस ने कांवड़ियों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की आवाजाही को अलग करने और आम जनता और भक्तों को असुविधा को कम करने के लिए 14 जुलाई से 26 जुलाई तक व्यापक व्यवस्था की है, क्योंकि कांवरिया महाराजपुर और गाजीपुर चेक पोस्ट से पूर्वी जिले में प्रवेश करेंगे। और अपने-अपने गंतव्यों के लिए दिल्ली से प्रस्थान करेंगे। विशेष रूप से, पूर्वी दिल्ली विभिन्न राज्यों जैसे हरियाणा, राजस्थान और अन्य से आने वाले कांवड़ियों के लिए मार्ग पर एक ट्रांजिट प्वाॅइंट होगा।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari