Kanwar Yatra 2024: भारत में कावंड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेमप्लेट लगाने को लेकर शुरू हुयी बहस अभी तक खत्म नहीं हुई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। वहीं अब नेमप्लेट का यह मुद्दा अब अमेरिका तक पंहुच गया है।


कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Kanwar Yatra 2024: भारत में कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश में पुलिस ने दुकानदारों को अपनी अपनी दुकानों पर नाम लिखने का आदेश दिया था। प्रशासन के इस आदेश पर जमकर बवाल भी हुआ और बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी। कोर्ट के द्वारा फैसले पर रोक लगाने के बाद भी इस मुद्दे को लेकर सवाल जबाव खत्म नहीं हुए हैं और अब तो मामला विदेश तक पंहुच गया है।अमेरिका में एक प्रेस वार्ता के दौरान पाकिस्तानी पत्रकार ने नेमप्लेट का मुद्दा उठाया। पत्रकार के इस सवाल पर अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने जवाब दिया।क्या कहा अमेरिका ने


अमेरिका में प्रेस वार्ता के दौरान पाकिस्तानी पत्रकार द्वारा भारत में कांवड़ यात्रा को लेकर उठाये गए सवाल का अमेरिकी प्रवक्ता ने जवाब दिया। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्गों में भोजनालयों पर नेमप्लेट के कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी है। अब यह मुद्दा प्रभावी नहीं है ,जिसपर सवाल उठाया जाए। कांवड़ यात्रा में नेमप्लेट को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार द्वारा उठाये गए सवाल का अमेरिकी प्रवक्ता ने जवाब दिया। अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा,हमने देखी है रिपोर्ट

प्रवक्ता ने कहा कि उन्होने रिपोर्ट देखी है। मिलर ने कहा कि हमने ऐसी रिपोर्ट देखी है कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को उन नियमों के कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसलिए यह मुद्दा अभी प्रभावी नहीं है।अमेरिका ने कहा कि आमतौर पर कहें तो हम दुनिया में कहीं भी सभी के लिए धर्म और आस्था की स्वतन्त्रता के अधिकार के लिए सार्वभौमिक सम्मान को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं और हमने सभी धर्मों के सदस्यों के लिए समान व्यवहार के महत्व पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ बातचीत की है।यूपी सरकार के किस आदेश पर मचा है बवालउत्तर प्रदेश सरकार ने यह आदेश दिया था कि कांवड़ यात्रा के रूट पर खाने –पीने वाली सभी दुकानों पर दुकानदार अपना नाम लिखेंगें यूपी सरकार के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी सरकार ने कुछ इसी तरह का आदेश दिया था। सरकार के इस फैसले का काफी विरोध हुआ और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट नें मामले का संज्ञान लेते हुए सरकार के इस फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी।

Posted By: Inextlive Desk