उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर हिंसा में शामिल प्रमुख संदिग्धों की तस्वीरों वाले होर्डिंग घटनास्थल और उसके आसपास के प्रमुख स्थानों पर लगा दिए है। इसी के साथ 9 और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने सोमवार को दी।


कानपुर (पीटीआई)। कानपुर हिंसा में पुलिस लगातार कार्यवाही कर रही है। सोमवार को पुलिस ने 9 और संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। अब तक पुलिस ने इस मामले में 28 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर हिंसा में शामिल प्रमुख संदिग्धों की तस्वीरों वाले होर्डिंग घटनास्थल और उसके आसपास के प्रमुख स्थानों पर लगा दिए है। इन होर्डिंग्स में स्टेशन हाउस अधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संपर्क नंबर भी लिखें है ताकि लोग संदिग्धों के बारे में पुलिस को जानकारी दे सकें।सीसीटीवी से हुई पहचान


एडीशनल कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि हमने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिप के माध्यम से लगभग 100 और पथराव करने वालों और दंगाइयों की पहचान की है। इसी के साथ दोषियों की जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी भी की जा रही है। डिप्टी पुलिस प्रमोद कुमार ने कहा कि 3 जून की हिंसा में कथित रूप से शामिल होने वाले लगभग 20 मुख्य आरोपियों की तस्वीरों वाले 25 होर्डिंग प्रभावित इलाकों और आसपास के प्रमुख स्थानों पर लगायी गयी है। डीसीपी ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि एसएचओ और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संपर्क नंबर भी प्रदान किए जाएंगे और एक अपील जारी की जाएगी ताकि लोग संदिग्धों की पहचान कर सकें और पुलिस को जानकारी दे सकें। डीसीपी ने कहा कि हमने वीडियो क्लिप, कैमरा और सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपी व्यक्तियों की तस्वीरें एकत्र की हैं।3 टीमें कर रही है जांच

मामले को संज्ञान में लेते हुए डीसीपी संजीव त्यागी की अध्यक्षता में एसआईटी की सहायता के लिए अलग-अलग तीन विशेष टीमों का गठन किया गया है। इसमें सरकारी और निजी सहित सीसीटीवी फुटेज की जांच करने और फुटेज को एसआईटी को सौंपने के लिए एडिशनल डीसीपी (पूर्व) राहुल मिठास की अध्यक्षता में चार सदस्यों वाली पहली विशेष टीम का गठन किया गया है। दूसरी टीम सहायक सीपी स्वरूप नागर और बृजनारायण सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष टीम को एक पेट्रोल पंप से खुली बोतलों और कंटेनरों में पेट्रोल देने से संबंधित मामले की जांच करने के लिए कहा गया है। तीसरी टीम सहायक सीपी (छावनी) की अध्यक्षता वाली व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सहित सोशल मीडिया पर भड़काऊ और झूठी पोस्ट पर नजर रखेगी। उन्हें मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैन्स एसोसिएशन के प्रमुख हयात जफर हाशमी और उनके सहयोगियों के सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करने के लिए भी कहा गया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए है। पुलिस ने कहा कि हाशमी को हिंसा का मास्टरमाइंड माना जाता है और उसे शनिवार को लखनऊ के हजरतगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया था।

Posted By: Kanpur Desk