कानपुर में हुई हिंसा को लेकर एक एसआईटी का गठन किया गया है। साथ ही इस केस से जुड़े पांच और आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया। उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते एटीएस के प्रमुख नवीन अरोड़ा ने भी रविवार को कानपुर का दौरा किया।

कानपुर (पीटीआई)। उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार को कानपुर हिंसा के सिलसिले में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया, कुल गिरफ्तारियों की संख्या 29 हो गई, और घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। कानपुर पुलिस आयुक्तालय ने हिंसा की जांच के लिए पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है। कानपुर के पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा के अनुसार, एसआईटी का नेतृत्व डीसीपी दक्षिण संजीव त्यागी करेंगे, जिन्हें अतिरिक्त डीसीपी (पश्चिम) ब्रजेश श्रीवास्तव, एसीपी (अनवरगंज) अकमल खान, एसीपी (कर्नलगंज) द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।

एटीएस की टीम भी पहुंची
उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख नवीन अरोड़ा ने भी रविवार को कानपुर का दौरा किया और घटना की जांच कर रही पुलिस टीमों से बातचीत की। अरोड़ा ने पीटीआई से कहा, हम विश्लेषण (घटना के बारे में) में विशेषज्ञ और तकनीकी सहयोग देंगे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी समेत गिरफ्तार लोगों को विशेष रिमांड मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

29 लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी
पुलिस के मुताबिक, शहर के परेड, नई सड़क और यतीमखाना इलाकों में शुक्रवार को उस समय हिंसा भड़क उठी, जब कुछ लोगों ने टीवी पर बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने पर दुकानदारों को शटर बंद करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की। पुलिस उपायुक्त (पूर्व) प्रमोद कुमार ने कहा कि रविवार को पांच और गिरफ्तारियों के साथ गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 29 हो गई है। 100 से अधिक आरोपियों की पहचान हो चुकी है। उन्होंने कहा कि आरोपियों की 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग करते हुए सोमवार को अदालत के समक्ष एक आवेदन पेश करने का फैसला किया गया है।

पीएफआई से कोई लिंक तो नहीं
कानपुर के पुलिस आयुक्त मीणा ने कहा कि एसआईटी को सांप्रदायिक तनाव भड़काने वालों की पहचान करने को कहा गया है। मीना ने कहा, "हम जांच करेंगे कि क्या उनका (आरोपी) पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से कोई संबंध था, जिसने उसी दिन मणिपुर और पश्चिम बंगाल में (दुकानों को) बंद करने का आह्वान किया था।" उन्होंने कहा, "सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंधित दस्तावेज भी हयात जफर हाशमी के परिसरों की तलाशी के दौरान मिले।"

40 लोग हुए थे घायल
शुक्रवार रात पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। एफआईआर में 56 लोगों के नाम हैं, जबकि करीब 800 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शुक्रवार की हिंसा में 20 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 40 लोग घायल हो गए थे। अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी पर विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए, भाजपा ने रविवार को उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari