Kamakhya Temple Story : मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में एक शक्तिपीठ ऐसा भी जिसके बारे में बात करने में लोग शरमा जाते हैं पर ऐसा क्‍यों है। इसकी वजह है मां सती का योनि स्‍वरूप जो मौजूद है गोवाहाटी के नीलांचल पर्वत पर। जहां आज है वर्ल्‍ड फेमस शक्तिपीठ मां कामाख्‍या देवी जिनकी महिमा और पूजा विधान दुनिया में सबसे अलग है। आइए जानें उनके बारे में...


इंटरनेट डेस्‍क (कानपुर)। Kamakhya Temple: मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक है देवी कामाख्या। असम राज्‍य के गुवाहाटी में स्थित कामाख्या मंदिर में यूं तो हमेशा ही भक्तों का आना जाना रहता है लेकिन नवरात्रि के दिनों में यहां पर काफी ज्यादा भीड़ होती है। कामाख्या मंदिर मां दुर्गा के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। यह नीलांचल पर्वत पर मौजूद है। कामाख्या मंदिर से जुड़ी एक रोचक कहानी है। बताया जाता है कि माता सती की योनि इसी जगह पर गिरी थी। मंदिर के अंदर मां के योनि रूप को साड़ी में लपेटकर फूलों के श्रंगार के साथ सजाया जाता है। माह 3 दिन देवी मासिक धर्म से गुजरती
कामाख्‍या देवी मंदिर में साल में दो बार यानि आंबुची मेले और दुर्गा पूजा के मौके पर दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालू पहुंचते हैं। इसके अलावा इस मंदिर की एक विशेष बात ये भी है कि यहां पर एक पत्थर से हमेशा पानी निकलता रहता है। इस पत्थर से महीने में एक बार खून की धारा बहती है। इस दाैरान यहां पर एक सफेद कपड़ा बिछा दिया जाता है जिसे बाद में भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। भक्तों के बीच मान्यता है कि 3 दिन देवी मासिक धर्म से गुजरती हैं।तांत्रिकों का प्रमुख सिद्धपीठ है यह मंदिरमां कामाख्‍या मंदिर में दुनियाभर के तांत्रिक आते हैं। यह मंदिर तांत्रिकों का प्रमुख सिद्धपीठ माना जाता है। माता कामाख्‍या की तांत्रिकों द्वारा विशेष पूजा की जाती है। इसके अलावा मां कामाख्या देवी को हर इच्छा पूरी करने वाली देवी के रूप में भी जाना जाता है। कहते हैं मां कामख्या अपने भक्तों की प्रार्थना व तपस्या से खुश होने पर उनकी हर मुराद पूरी करती है। इतना ही नहीं यहां हर किसी की मनोकामना सिद्ध होती है। इसीलिए इस मंदिर को कामाख्या देवी का मंदिर कहा जाता है।

Posted By: Shweta Mishra