बाॅलिंग करते समय फेफड़ों से निकलता था खून, आखिरकार क्रिकेट से लेना ही पड़ा संन्यास
कानपुर। ऑस्ट्रेलिया के 33 साल के तेज गेंदबाज जाॅन हेस्टिंग्स ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी फाॅर्मेट से संन्यास ले लिया है। हेस्टिंग्स ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के मुख्य खिलाड़ी रहे हैं। हालांकि उनकी रिटायरमेंट की उम्र नहीं हुई मगर एक गंभीर बीमारी के चलते हेस्टिंग्स को मजबूरी में यह निर्णय लेना पड़ा। हेस्टिंग्स फेफड़ों की रहस्यमयी बीमारी से ग्रसित हैं, जिसके चलते वह जब-जब मैदान पर गेंदबाजी करने आते थे उनके लंग्स से खून निकलने लगता था। हेस्टिंग्स ने कई स्पेशलिस्ट डाॅक्टरों से चेक-अप करवाया मगर कोई भी उन्हें ठीक नहीं कर सका। यही नहीं डाॅक्टरों ने यहां तक कह दिया कि अगर जान बचानी है तो क्रिकेट छोड़ना पड़ेगा।
क्रिकेट खेलता तो जा सकती थी जान
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हेस्टिंग्स को इस बीमारी के बारे में कुछ साल पहले ही पता चला। उन्होंने काफी इलाज भी करवाया मगर अब डाॅक्टरों ने साफ कह दिया कि उन्हें अपनी जिंदगी और क्रिकेट में किसी एक को चुनना पड़ेगा। ऐसे में हेस्टिंग्स ने क्रिकेट से अलिवदा लेना ही बेहतर समझा। सिडनी माॅर्निंग हेराल्ड को दिए इंटरव्यू में हेस्टिंग्स ने बताया, 'लंबे समय से चली आ रही फेफड़ों की बीमारी के चलते क्रिकेट छोड़ रहा हूं। अगर मैं इसे आगे जारी रखता तो एक दिन ऐसा आता जब मेरी मैदान में मौत हो जाती। पिछले पांच-छह महीनों से यह समस्या और गंभीर हो गई थी।'
खून की खांसी अाती थी
हेस्टिंग्स ने ऑस्ट्रेलिया के लिए एक टेस्ट, 29 वनडे और 9 टी-20 मैच खेले हैं। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 1 विकेट, वनडे क्रिकेट में उन्होंने 42 विकेट व टी-20 क्रिकेट में 7 विकेट हासिल किये हैं। हेस्टिंग्स ने आगे कहा, 'बतौर खिलाड़ी मेरे लिए सबकुछ आसान नहीं रहा। मैदान पर क्रिकेट खेलने के कारण मेरे फेफड़ों में छोटी रक्त वाहिकाएं फट गई थी। जब मैं गेंदबाजी करने की कोशिश करता था, तो मुझे खून की खांसी तक आ जाती है। यह वास्तव में काफी डरावना था। फिलहाल मैं स्वस्थ रहने के लिए ट्रेनिंग कर रहा हूं।' हेस्टिंग्स ने यह भी कहा, कि गेंदबाजी वैसे तो आसान लगती है इसमें वजन उठाना या मुक्केबाजी नहीं करनी होती मगर जब आप गेंद फेंकने आते हैं तो गेंदबाजी के दौरान लैंडिंग का दबाव होता है। इसलिए मैं अपने स्वास्थ के साथ कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। मैं मैदान पर इसलिए अब वापसी नहीं करना चाहता, क्योंकि टीम में खेलने से वापस मेरे स्वास्थ में गिरावट आ सकती हैं।'