21 जून 1937 को जन्में इंग्लैंड के जॉन एडरिच वनडे क्रिकेट में मैन ऑफ द मैच जीतने वाले पहले खिलाड़ी थे।


कानपुर। टेस्ट क्रिकेट का इतिहास भले ही सौ साल से ज्यादा पुराना हो, मगर वनडे क्रिकेट की शुरुआत 70 के दशक में हुई थी। साल 1971 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मेलबर्न में पहला वनडे मैच खेला गया था। वैसे तो यह मुकाबला कंगारुओं के नाम रहा मगर मैच में सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी इंग्लिश खिलाड़ी जॉन एडरिच ने। इस मैच में जॉन ने बेहतरीन पारी खेली थी इसलिए उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' का अवार्ड मिला। वनडे क्रिकेट में यह पुरस्कार पाने वाले एडरिच पहले क्रिकेटर भी बन गए। आइए आज उनके 82वें जन्मदिन पर जानें उनके क्रिकेटिंग करियर से जुड़ी कुछ रोचक बातें।कौन हैं जॉन एडरिच
ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, जॉन एडरिच उस परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिस घर में आधे से ज्यादा लड़के क्रिकेटर बने मगर उन सभी में सबसे ज्यादा प्रतिभावान जॉन एडरिच निकले। बाएं हाथ के बल्लेबाज एडरिच ने 1963 में टेस्ट डेब्यू किया था, पहला मैच उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला। एडरिच की बल्लेबाजी की खासियत थी कि वह लेट कट मारने में माहिर थे। वह आखिरी समय तक गेंद का इंतजार करते थे और ऐन वक्त स्क्वॉयर कट मारकर रन बटोर लेते थे। अपने 13 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में जॉन ने कुल 77 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 43.54 की औसत से 5138 रन बनाए। इसमें 12 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं।इस तरह जीता था 'मैन ऑफ द मैच'1970 तक वनडे क्रिकेट क्या होता है, यह किसी को पता ही नहीं था। एक साल बाद मेलबर्न में जब ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड एकदिवसीय मैच खेलने मैदान में उतरीं तब दुनिया वनडे क्रिकेट से रूबरू हुई। इस मैच में इंग्लैंड ने पहले खेलते हुए 190 रन बनाए। जवाब में कंगारू टीम ने 5 विकेट के नुकसान पर यह लक्ष्य हासिल कर लिया। वैसे मैच भले ऑस्ट्रेलिया ने जीता था मगर 82 रन बनाकर 'मैन ऑफ द मैच' का अवॉर्ड इंग्लैंड के जॉन एडरिच ले गए, इसी के साथ वनडे क्रिकेट इतिहास में उनका नाम हमेशा के लिए दर्ज हो गया। जॉन का वनडे करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा, उन्होंने सिर्फ 7 मैच खेले जिसमें कुल 223 रन बनाए।टूटे जबड़े के साथ भारत को जिताया मैच, फिर छोड़ दिया क्रिकेटजब टूटी पसली के बावजूद खेला मैच


60-70 के दशक में हेलमेट या सेफ्टी गार्ड्स पहनकर क्रिकेट नहीं खेला जाता था। ऐसे में गेंदबाजों की तेज बाउंसर कई बल्लेबाजों को चोटिल कर देती थी। जॉन एडरिच भी टेस्ट मैच में बहुत बार चोटिल हुए हैं। 1975 की बात है जब इंग्लिश टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी तो सिडनी में खेले गए एक टेस्ट मैच में लिली की गेंद सीधा एडरिच की पसलियों से टकराईं, इसके बावजूद जॉन ने हिम्मत नहीं हारी और टूटी पसली के साथ पूरा मैच खेलते रहे

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari