marketing copanies trap in ranchi : सुनहरे सपने व सब्जबाग दिखाकर युवाओं को झांसे में ले रही हैं कंपनियां. थाने तक पहुंचा मामला तीन पीडि़ताओं ने सुनाई आपबीती. लड़कियों की फेक आईडी बनाकर फंसाते हैं बेरोजगारों युवाओं को. 20 से 22 हजार रुपए वसूले जाते हैं प्रति कैंडिडेट.


रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में इन दिनों मार्केटिंग कंपनी के नाम पर ठगी का गोरखधंधा बड़े जोर-शोर से चल रहा है। विभिन्न नामों के साथ सिटी के गली-गली में कुकुरमुत्ते की तरह मार्केटिंग कंपनियां भर गई हैं। ये लोग 11वीं, 12वीं में पढ़ रहे किशोर-किशोरियों को सब्जबाग दिखाते हैं और पैसे का लालच देकर अपने धंधे में शामिल कर लेते हैं। इसके अलावा ऐसे बेरोजगार लड़के-लड़कियां जिन्हें नौकरी की तलाश रहती है और जो आसानी से इनके जाल में फंस जाएं उन्हें ये लोग टारगेट करते हैं। राजधानी रांची के पुंदाग थाना क्षेत्र से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां डायरेक्ट मार्केटिंग कंपनी के नाम पर ठगी का गोरखधंधा किया जा रहा था। ग्लेज मार्केटिंग कंपनी पर यह आरोप लगाया गया है। इस संबंध में पुंदाग ओपी ने मामला दर्ज कर लिया है। मामले में जो जानकारी अब तक सामने आई है उसके अनुसार ग्रामीण लड़के-लड़कियों को ये लोग फंसाते हैं, उन्हें नौकरी देने के नाम पर प्रोडक्ट देकर उसकी बिक्री करने के लिए डोर टू डोर भेजते हैं। इसके एवज मेें ये लोग ट्रेनिंग के नाम पर पैसा भी वसूलते हैं। जॉब के नाम पर वसूले 20-22 हजार
मार्केटिंग का यह गोरखधंधा बड़ी आसानी से फल फूल रहा है। न तो प्रशासन की इस पर नजर है और न ही पुलिस कोई एक्शन लेती है। नतीजन लड़के-लड़कियां इनके जाल में फंस कर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हंै। मार्केटिंग कंपनी से जुड़े लोग नए लड़के-लड़कियों से पैसे भी वसूल रहे हैं। एक-एक युवक-युवती से 20 से 22 हजार रुपए तक वसूले जा रहे हैं। पूछने पर ट्रेनिंग का हवाला दे दिया जाता है। ट्रेनिंग के नाम पर लड़के-लड़कियों को एक कमरे में रखा जाता है। परिवार से भी मिलने नहीं दिया जाता है। बड़े-बड़े होटल और बार में मीटिंग बुलाई जाती है, ताकि यंग लड़के-लड़कियां चकाचौंध देखकर आसानी से इनके बहकावे में आ जाएं और अपने पेरेंट्स से पैसे मांग कर ले आएं। माता-पिता भी अपने ब'चों की खुशी और नौकरी का नाम सुनकर पैसे जुगाड़ करके दे ही देते हैं। ऐसे लेते हैं झांसे में


इस तरह की कंपनियों में ग्रामीण और सुदूर इलाके के लड़के और लड़कियों को ट्रैप किया जाता है। पहले लड़कियों के नाम पर सोशल मीडिया में फेक आईडी बनवाए जाते हैं। इसके बाद इसी आईडी के जरिए नए लड़के-लड़कियों से संपर्क साधा जाता है। लड़कों से सोशल मीडिया में फेक आईडी के जरिए संपर्क साधा जाता है। और फिर दोस्ती का सिलसिला शुरू कर मोबाइल नंबर लिया जाता है। इसके बाद फिर लड़कियां बेरोजगार युवाओं को सुनहरे सब्जबाग दिखाकर रोजगार दिए जाने की बात कहती हैं। लड़कियों की इन्हीं बातों में आकर बेरोजगार लड़के ठगी के शिकार हो जाते हैं। इस मामले में पीडि़ता शिवानी, नीतू और निभा ने बताया कि अगर लड़के कहीं छोटी-मोटी नौकरी भी कर रहे हैं तो उन्हें इस कंपनी के बारे में काफी बड़ी-बड़ी बातें बताई जाती हैं। कन्विंस करते हुए कहा जाता है कि अगर वे इस कंपनी में जुड़ जाएं तो उनका भविष्य काफी सुनहरा हो जाएगा। लड़कियों की इन्हीं बातों में आकर बेरोजगार लड़के जाल में फंस जाते हैं और ठगी का शिकार होकर अपना सबकुछ गंवा बैठते हैं। इसके साथ ही जो युवक इस डायरेक्ट मार्केटिंग के झांसे में आकर उनके साथ जुड़ते हैं, उन्हें भी ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद उनके माध्यम से भी उनके परिचितों को इस कंपनी में जोड़ा जाता है। पीडि़त लड़कियों ने बताया कि प्रति कैंडिडेट 22 हजार रुपए वसूले जाते हैं। एक बार जो इसके ट्रैप में आ गया वो न तो अपने घर जा सकता है और न ही अपने घरवालों से फोन पर 'यादा बात कर सकता है। वहीं, रात में कमरे में ताला बंद कर लड़कों और लड़कियों को रखा जाता है।

होटल, क्लासरूम व खुले मैदान में भी होती है ट्रेनिंगबहरहाल, इस संबंध में पुंदाग ओपी में मामला दर्ज हो गया है और मामले का अनुसंधान किया जा रहा है। ओपी प्रभारी ने बताया कि मार्केटिंग के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। इस संबंध में कंपनी की जांच-पड़ताल की जा रही है। बता दें कि युवकों और युवतियों की ट्रेनिंग न सिर्फ क्लासरूम में होती है, बल्कि खुले मैदान में भी इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है। इस कंपनी में जुड़े लड़के लड़कियां रांची के नहीं हैं, बल्कि दूसरे रा'यों और जिलों के भी हैं। देखना होगा पुलिस की जांच के बाद मामले में क्या कुछ निकल पाता है।

Posted By: Inextlive