रांची में बनने वाला वल्र्ड ट्रेड सेंटर एक साल में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा. केंद्र सरकार के हाथ पीछे खींचने के बाद राज्य सरकार ने खुद निर्माण का लिया था निर्णय.


रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट हब बनने का सपना अधूरा ही रह गया। जी हां, रांची में बनने वाला वल्र्ड ट्रेड सेंटर एक साल में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा है। निर्माणाधीन वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। एचईसी कोर कैपिटल एरिया में 3.5 एकड़ में बनने वाले इस वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर अब तक एक करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन काम कुछ भी आगे नहीं बढ़ा है। सीएम ने किया था शिलान्यास


पिछले साल 29 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था। श्रीराम त्रिवेणी जीबी कंपनी को इसका काम दिया गया। बाद में जब केंद्र सरकार ने इसके लिए राशि देने से इन्कार कर दिया और योजना को रद्द कर दिया। तब राज्य सरकार ने अपने फ ंड से इसका निर्माण करने का फैसला किया था। लेकिन, करीब 44 करोड़ की लागत से बनने वाले इस वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर बाद में राज्य सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। इस कारण यह अधर में लटका हुआ है। क्या-क्या होना था

इस वल्र्ड ट्रेड सेंटर में सेमिनार एवं प्रदर्शनी के लिए हॉल बनाया जाना था। सूबे से निर्यात होने वाली वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई जानी थी, इसके अलावा करेंसी एक्सचेंज से मनी एक्सचेंज तक की सुविधा उपलब्ध होती। साथ ही एयर कार्गो, शिप कंटेनर और निर्यात प्रबंधन की अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होनी हैं। वल्र्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय कारोबार से जुड़ी सभी सुविधाएं एक परिसर में मिलेंगी। बता दें कि इस सेंटर में विदेश व्यापार महानिदेशालय का क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय निर्यात परिसंघ से जुड़े कार्यालय रहना है। सात समंदर पार होता बिजनेसरांची सिटी एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट बिजनेस का हब बननी थी। जहां एक साथ हजारों युवाओं को एक छत के नीचे रोजगार मिलेगा। साथ ही राज्य के व्यवसायी रांची में बैठकर ही सात समंदर पार बिजनेस कर सकेंगे। यह सब संभव हो रहा था, रांची के स्मार्ट सिटी एरिया के अंदर बनने वाले वल्र्ड ट्रेड सेंटर से। स्मार्ट सिटी एरिया में वल्र्ड ट्रेड सेंटर बनाने के लिए सरकार ने शिलान्यास भी कर दिया था। क्या मिलनी है फैसिलिटीज-रांची में वल्र्ड ट्रेड सेंटर बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय कारोबार से संबंधित सारी सुविधाएं एक ही परिसर में मिल जाएंगी। -यहां विदेश व्यापार महानिदेशालय का क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय निर्यात परिसंघ से जुड़े कार्यालय भी होंगे। -आयात-निर्यात से जुड़ी कंपनियों के लिए स्थान मुहैया कराया जाएगा। -यहां करेंसी एक्सचेंज से लेकर मनी ट्रांसफर तक की सुविधाएं मिल सकती हैं।

-एयर कार्गो, शिप कंटेनर और निर्यात प्रबंधन की दूसरी सुविधाएं भी मिलेंगी।-यहां अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने वाली कंपनियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन और उसके प्रचार-प्रसार के लिए भी स्थान मिलेगा।-एक ही छत के नीचे अंतरराष्ट्रीय कारोबार से जुड़े आवेदनों की प्रक्रियाएं संपन्न होंगी।अभी क्या-क्या होता है एक्सपोर्टऑटो पाट्र्स, सॉफ्टवेयर, बांस शिल्प, इमली, चिरौंदी समेत अन्य कृषि और वनोत्पाद का अभी निर्यात होता है। क्या हैं संभावनाएंकाजू, पत्थर शिल्प, तसर के कपड़े, लाह निर्मित वस्तुएं, भिंडी, कटहल समेत अन्य उत्पाद निर्यात बढऩे की संभावनाएं हैं। रांची एयरपोर्ट के एयर कार्गो का पूरा उपयोग करना होगा। साहिबगंज में मल्टीमॉडल हब का संचालन शुरू करना होगा। पारादीप बंदरगाह तक सीधी कनेक्टिविटी विकसित करनी होगी।

Posted By: Inextlive