रिम्स डायरेक्टर का छलका दर्द, डॉक्टर्स नहीं कर रहे सपोर्ट
RANCHI: हम हास्पिटल में काम करना चाहते हैं और मरीजों को बेहतर सुविधा भी देने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हमारे डॉक्टर्स ही सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। ऐसे में चाहकर भी मरीजों को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। ये बातें कहते हुए गुरुवार को रिम्स के डायरेक्टर डॉ बीएल शेरवाल का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने बुधवार को हास्पिटल में इलाज के लिए आई महिला की मौत की घटना के बाद तत्काल अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी। इसमें हास्पिटल की व्यवस्था सुधारने से लेकर कई अन्य विषयों पर भी चर्चा की। इसके बाद ही वह मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं से रिम्स की काफी बदनामी हुई है। इससे हमें आगे से अलर्ट रहने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि जांच में अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसपर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। मौके पर उनके साथ डीन डॉ। आरके श्रीवास्तव, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ। एसके चौधरी भी मौजूद थे।
मरीज के हिसाब से आधे हैं डॉक्टरडायरेक्टर डॉ। शेरवाल ने कहा कि एमसीआइ के अनुसार, क्भ्0 सीटों के लिए म्भ्0 बेड का हास्पिटल होना चाहिए। उस हिसाब से रिम्स में काम कर रहे ख्70 डॉक्टर काफी हैं। लेकिन रिम्स में मरीजों की बात करें, तो हमेशा क्भ्00 मरीज एडमिट रहते हैं। उस हिसाब से ख्70 डॉक्टर्स की और जरूरत है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों की तुलना में आधे डॉक्टरों से ही काम चलाया जा रहा है।
ग्रुप बॉक्स क्0 मेडिकल आफिसर होंगे इमरजेंसी में पिछले दो महीनों में मरीजों के साथ हुई घटनाओं के बाद हेल्थ मिनिस्टर और एसीएस के साथ रिम्स अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें निर्णय लिया गया था कि हास्पिटल के इमरजेंसी में मे़िडकल आफिसर्स की तैनाती की जाएगी। जिस पर बुधवार को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुधीर त्रिपाठी ने सहमति दे दी है। ऐसे में दस दिनों के अंदर रिम्स के इमरजेंसी में क्0 मेडिकल आफिसर ड्यूटी में हाजिर होंगे, ये तीनों शिफ्टों में डॉक्टर इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का इलाज कर सकेंगे। भ् हास्पिटल मैनेजर देखेंगे व्यवस्थाहास्पिटल में पहुंचते ही मरीज हास्पिटल मैनेजर के सामने होंगे। जहां पांच हास्पिटल मैनेजर मरीजों की जरूरतों को देखेंगे और उन्हें फैसिलिटी उपलब्ध कराई जाएगी। डॉ। शेरवाल ने बताया कि क्0 मल्टी पर्पस वर्कर्स भी ड्यूटी पर मौजूद रहेंगे। जो कि जरूरत पड़ने पर ट्राली भी खींचेंगे और इमरजेंसी में एंबुलेंस भी लाने का काम करेंगे। इसके अलावा और भी कुछ काम पड़ता है, तो उसमें भी वे मदद करेंगे।
मरीजों से वीकली फीडबैक लेंगे बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे हफ्ते में एक दिन मरीजों और उनके परिजनों से जाकर फीडबैक लेंगे। इस दौरान उनसे गार्ड्स और सुपरवाइजर के बिहेवियर को लेकर भी पूछताछ की जाएगी। ऐसे में अगर किसी के बारे में गलत करने का आरोप लगाया जाता है, तो उसे तत्काल हटाने का आदेश दिया गया है। वहीं सीनियर और जूनियर रेजीडेंट्स डॉक्टर्स और नर्सो को भी सेंसीटाइज करने का आदेश दिया गया है।