माहेश्वरी सभा रांची की विजयादशमी पर शस्त्र पूजन
रांची (ब्यूरो) । इस विजयादशमी पर संपूर्ण भारतवर्ष में पहली बार किसी सामाजिक संस्था द्वारा सामूहिक शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रांची माहेश्वरी सभा और श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर समिति (सेवा सदन पथ) रांची के संचालन में यह अनूठा कार्यक्रम संपन्न हुआ। मौके पर संस्था की ओर से कहा गया कि यह गर्व का विषय है कि हमें अपने पूर्वजों से समृद्ध धार्मिक परंपराओं की विरासत प्राप्त हुई है। शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में रामायण का नवाह्न पारायण पाठ और प्रतिदिन रामायण जी की आरती का आयोजन तथा विजयादशमी के दिन सपरिवार शस्त्रों की पूजा हमारी इस धरोहर का हिस्सा रहा है। पुनर्जीवित करने का संकल्प
हालांकि आधुनिकता के प्रवाह में यह परंपरा कहीं पीछे छूट गई थी। इस वर्ष श्री माहेश्वरी सभा, माहेश्वरी महिला समिति एवं माहेश्वरी युवा संगठन, रॉंची ने लक्ष्मीनारायण मंदिर समिति के सहयोग से विजयादशमी पर शस्त्र पूजन की इस पवित्र परंपरा को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया।प्रात: 11.00 बजे से 12.00 बजे तक श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, सेवा सदन पथ में सामूहिक शस्त्र पूजन का भव्य आयोजन किया गया। इसके उपरांत हनुमान चालीसा, आरती और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ।
इस आयोजन में रांची के अन्य सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों को भी निमंत्रित किया गया, और समाज के सभी वर्गों से लगभग 400 पुरुष और महिलाएं इस सामूहिक शस्त्र पूजन में सम्मिलित हुए। शस्त्र पूजन का शुभारंभ आठ विद्वान पंडितों द्वारा गणेश वंदना, वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद के साथ किया गया। ये हुए शामिलइस समारोह में माहेश्वरी सभा के पदाधिकारियों के साथ रांची के कई गणमान्य नागरिकों ने भी भाग लिया, जिनमें जुगल किशोर मारू, महावीर प्रसाद सोमानी, पवन कुमार मंत्री, राजकुमार मारू, शिव शंकर साबू, अशोक साबू, मुकेश काबरा, बसंत लाखोटिया, विधायक सीपी सिंह, बसंत मित्तल,मनोज चौधरी, रमेश चंद्र शर्मा, चंद्रकांत रायपत, चंद्रप्रकाश बांगला, धीरज बंका, सुरेश अग्रवाल, संजय सर्राफ, रमाशंकर बगडिय़ा, अशोक मंगल, माहेश्वरी महिला अध्यक्ष भारती चितलांगिया एवं उनकी टीम, युवा संगठन अध्यक्ष विनय मंत्री एवं उनकी टीम एवं अन्य गणमान्य सम्मिलित हुए।सभी की उपस्थिति ने इस आयोजन को सफल बनाया। माहेश्वरी सभा रांची की इस पहल ने समाज में हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं के प्रति एक नई जागरूकता पैदा की है, जिसे भविष्य में और भी भव्य रूप देने का प्रयास किया जाएगा।