रांची नगर निगम व ट्रैफिक डिपार्टमेंट मिलकर काम कर रहे. डीपीआर तैयार एजेंसी चयन के लिए टेंडर फाइनल स्टेज में.


रांची(ब्यूरो)। सिटी की अस्त-व्यस्त ट्रैफिक व्यवस्था से जल्द निजात मिलने वाली है। बेतरतीब हो चुके पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को पटरी पर लाने के लिए नगर निगम और ट्रैफिक विभाग दोनों मिलकर काम कर रहे हैं। इसी क्रम में राजधानी में 244 मिनी बस चलाने की योजना भी लगभग अंतिम चरण में है। निगम के अधिकारियों की मानें तो इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार हो चुकी है, टेंडर प्रॉसेस भी अंतिम स्टेज पर है। नगर निगम इसी महीने बसों के परिचालन के लिए कंपनी का चयन करने के लिए टेंडर निकाल सकता है। इसके बाद चयनित कंपनी बसें खरीदकर उसे विभिन्न रूटों पर चलाएगी। रांची नगर निगम पीपीपी मोड पर इन बसों का परिचालन कराएगा। नई खरीदी जाने वाली सभी बसें मिनी बस होंगी, जिसकी सिटिंग कैपासिटी 25-30 की होगी। बसों के चलने से राजधानी में यात्रा करने वालों को सुगम ट्रांसर्पोटेशन मिलेगा। पैसेंजर व्हीकल के लिए ज्यादातर खड़े होकर इंतजार नहीं करना होगा। 13 रूट तय, 200 बस स्टॉप बनेंगे
मिनी बसों के परिचालन के लिए 13 रूट निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए रांची नगर निगम क्षेत्र में 200 नए बस स्टॉप बनाने का भी निर्णय लिया गया है। वहीं पुराने बस स्टैंड को भी अपग्रेड किया जाएगा। 244 में से 220 नॉन एसी डीजल बसें होंगी, जबकि 24 एसी इलेक्ट्रिक बसें होंगी। शुरुआत में करीब 200 बसों का परिचालन शुरू हो सकता है, बाकी की बसें रिजर्व रखी जाएंगी। निगम क्षेत्र में यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए नगर निगम ने करीब 605 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया है। यह फंड बसों की खरीदारी से लेकर बस स्टॉपेज तैयार करने एवं दूसरी सुविधाओं में खर्च किया जाएगा। राजधानी में 40 किमी के रेडियस में बसों का परिचालन किया जाएगा। हालांकि फिलहाल फेयर तय नहीं किया गया है। एजेंसी चयनित होने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। प्राइवेट व्हीकल्स का कम होगा प्रेशर


सिटी की सड़कों में प्राइवेट व्हीकल्स की भरमार नजर आती है। सिंगल व्यक्ति भी कुछ काम के लिए फोर व्हीलर से सड़क पर निकल पड़ता है। कई लोग तो मजबूरी में गाड़ी सड़क पर लेकर निकलते हैं। यदि मिनी बस में ही अच्छी सुविधा मिलने लगे तो खुद ब खुद सड़क पर प्राइवेट व्हीकल का दबाव कम हो सकता है। ऑटो से लेकर सिटी बस में होने वाली मारामारी और ठेलमठेली से बचने के लिए ही लोग पर्सनल व्हीकल लेकर चलते हैं। राजधानी में लग्जरी एसी बसों के चलने पर लोग इसे पसंद करेंगे। धीरे-धीरे निजी वाहन की संख्या कम होगी। इससे लोगों के पैसे और समय दोनों की बचत होगी। सिटी से बाहर जाने के लिए ही प्राइवेट व्हीकल का इस्तेमाल करेंगे। ये है संभावित फेयरसिटी बस का फेयर कम होता है। इसे ध्यान में रखते हुए 2 किलोमीटर तक का किराया 5 रुपए, 2 से 5 किलोमीटर तक 10 रुपए, 5 से 10 किलोमीटर के लिए 15 रुपए और 10 किलोमीटर से अधिक होने पर यात्रियों को 20 रुपए किराया तय किए जाने की संभावना है। वहीं हर दो साल बाद फेयर में 11 प्रतिशत बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव है। गौरतलब हो कि ऑटो और ई-रिक्शा चालक मनमाना भाड़ा वसूलते हैं, जिससे हर दिन ऑटो चालक और पैसेंजर के बीच किचकिच होती रहती है। बसों के परिचालन के बाद यह परेशानी भी दूर होगी। पहले भी मिलीं 250 बसें, चल रहीं सिर्फ 40

नगर निगम के काम करने का एक दूसरा पहलू यह भी है कि निगम को पहले भी करीब 250 बसें मिल चुकी हैं, लेकिन नगर निगम इसे ठीक से चला नहीं सका। कई बसें तो सालों साल खड़ी-खड़ी ही कंडम हो गईं। रांची की तंग सड़कें और जाम में सिटी बस का फार्मूला सक्सेस नहीं हो सका। इसके अलावा बस ऑपरेटरों की मनमानी का असर भी पड़ा। वहीं नगर निगम भी बसों की सही तरीके से मॉनिटरिंग नहीं कर पाया। इस वजह से अधिकतर बसें खराब हो गईं। 2005 में नगर निगम को 51 सिटी बसें मिली थी। इनमें से 20 ही सड़क पर उतर पाई थीं, 31 बसें नगर निगम के स्टोर में रखी-रखी कबाड़ हो गईं। 2009 में भी 200 सिटी बसें खरीदी गई थीं, इनमें से 160 कबाड़ हो गईं। वर्तमान में 40 बसें चलने की स्थिति में हंै, लेकिन उसमें सिर्फ 30 बसों का ही परिचालन किया जा रहा है। अब चूंकी ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है और आने वाले दिनों में तीन फ्लाईओवर भी रेडी होने वाला है। इसे देखते हुए इस बार मिनी बस के सक्सेस होने की उम्मीद है।

सिटी बस की योजना का टेंडर फाइनल स्टेज पर है। बहुत जल्द पीपीपी मोड पर कंपनी चयन के लिए टेंडर जारी होगा। इसके बाद बसों का परिचालन भी शुरू कर दिया जाएगा।-ज्योति कुमार सिंह, एएमसी

Posted By: Inextlive