चालान किसी का, डिलीवरी किसी को!
रांची(ब्यूरो)। दिव्या इन दिनों परेशान है। उसकी परेशानी की वजह से दूसरे के नाम से ट्रैफिक चालान का आना। उसके नाम से एक स्कूटी है, लेकिन उसके पास विनोद के नाम से चालान चालान पहुंच गया है। यह चालान ट्रैफिक विभाग की ओर से ट्रैफिक रूल्स वायलेशन के लिए भेजा गया है। दिव्या के मोबाइल फोन पर चालान से संबंधित मैसेज आया है। सिर्फ दिव्या के साथ ही नही बल्कि अखिलेश और धनेश्वर साहू भी ऐसी ही घटना के शिकार हैैं। मोबाइल पर दूसरे के नाम से चालान संबंधित मैसेज आने के बाद ऐसे लोग परेशान हैं। वे इस समस्या के समाधान के लिए ट्रैफिक विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। दरअसल बीते कुछ दिनों से राजधानी रांची में ऐसे मामले लगातार आ रहे हैं, जिसमे किसी व्यक्ति के मोबाइल पर दूसरे लोगों के नाम का चालान आ रहा है। मैसेज में ट्रैफिक डिपार्टमेंट में चालान की राशि जमा करने को भी कहा गया है।
15 तक जमा करें चालान
मैसेज में 15 जुलाई तक चालान की राशि जमा करने को कहा गया है। मैसेज में यह स्पष्ट लिखा है कि उक्त तिथि तक चालान जमा नहीं करने की स्थिति पर आईपीसी अंडर सेक्शन 173, 174, 175, 176, 227 के तहत कार्रवाई करने की भी बात कही गई है। हालांकि भेजे गए चालान में सिर्फ व्यक्ति का नाम ही गलत है, जबकि गाडी का रजिस्ट्रेशन नंबर बिल्कुल सही भेजा रहा है। इससे लोगों का कंफ्यूजन और बढ़ गया है। अब लोग यह समझ नहीं पा रहे है कि करे तो क्या करे। अखिलेश कुमार ने बताया कि उनके मोबाइल पर नीरज साहू के नाम से चालान आया है। चालान में नाम गलत है, लेकिन गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर सही है।
ऐसे जुटाएं जानकारी
नए ट्रैफिक रुल्स लागू होने के बाद सबसे ज्यादा खौफ चालान कटने का है। राजधानी रांची में लगातार ट्रैफिक रूल्स ब्रेक करने वालों पर फाइन हो रहा है। इसके लिए सिटी के अलग-अलग चौक-चौराहों पर आरएलवीडी कैमरा लगवाया गया है। ऑन द स्पॉट फाइन होने पर लोगों को जानकारी हो जाती है, लेकिन कैमरे के माध्यम से चालान कटने के बाद भी लोग इससे अनभिज्ञ होते है। मोबाइल पर मैसेज और बाई पोस्ट चालान की कॉपी घर के पते पर पहुंचने के बाद ही इसकी जानकारी हो पाती है। आपके नाम से चालान कटा है या नहीं इसकी जानकारी आप खुद से भी जुटा सकते हैं। परिवहन विभाग की ऑनलाइन वेबसाइट पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर डालने पर चालान कटा है या नहीं इसकी जानकारी मिल जाएगी।
मैैंने इसी साल फरवरी में स्कूटी खरीदी है। यदि मैंने ट्रैफिक रूल्स तोड़ा तो मेरे नाम से चालान आना चाहिए। मुझे विनोद के नाम से चालान मिला है, जबकि गाड़ी का नंबर सही है।
-दिव्या कुमारी मैं बीते पांच साल से टू-व्हीलर का इस्तेमाल कर रहा हूं। पहले कभी मेरे पास रूल्स ब्रेक का कोई मैसेज नहीं आया है। कुछ दिन पहले एक मैसेज आया है, जिसमें नीरज के नाम से चालान भेजा गया है।
-अखिलेश कुमार हां, ऐसी सूचना मिली है। कुछ शिकायत मेरे पास भी आई है। एक-दो लोगों के साथ ही ऐसा हुआ होगा। मोबाइल नंबर गलत फीड होने के कारण हो सकता है ऐसा हो रहा होगा। समस्या का समाधान करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
जीतवाहन उरांव, ट्रैफिक डीएसपी, रांची