एबीवीपी का ध्येय देश के साकारात्मक दिशा में योगदान देने वाली


रांची (ब्यूरो) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) रांची महानगर द्वारा अभाविप के 76वें स्थापना दिवस के अवसर पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के &मुख्य सभागार&य में तकनीक के नए परिदृश्य में शिक्षा तथा युवा विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। देश-भर में अभाविप के स्थापना दिवस को राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ तपन शांडिल्य ने की व अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल की विशेष उपस्थिति रही। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।विकास में योगदान की


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने कहा कि अभाविप की 76 वर्षों की यात्रा भारत के विकास में योगदान की यात्रा रही है। ज्ञान, शील, एकता ध्येय वाक्य के साथ कार्य करने वाले अभाविप कार्यकर्ताओं ने सदैव ही राष्ट्र प्रथम भावना के साथ कार्य किया है। तकनीकी उपकरणों का प्रयोग करके प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा और अनुरूपण के माध्यम से छात्रों को व्यवहारिक अनुभव प्राप्त हो रहा है। एडाप्टिव लर्निंग सिस्टम छात्रों की व्यक्तिगत जरूरतों और सीखने की गति के अनुसार पाठ्यक्रम को अनुकूलित करते हैं जिससे उनकी शिक्षा का अनुभव अधिक प्रभावी बनता है। तकनीकी प्लेटफॉर्म्स कैरियर परामर्श और मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं जिससे युवाओं को सही करियर पथ चुनने में मदद मिलती है। तकनीक के नए परिदृश्य में डेटा सुरक्षा डिजिटल विभाजन और मानसिक स्वास्थ्य जैसे चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है ताकि शिक्षा और युवा विकास को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। ध्येय को लेकर काम अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि अभाविप भारत के प्रत्येक परिसर में मौजूद है और व्यक्तित्व निर्माण से राष्ट्र पुनर्निर्माण के ध्येय को लेकर काम कर रही है। तकनीक के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा का विस्तार हुआ है। तकनीक ने ऑनलाइन शिक्षा को व्यापक रूप से स्वीकार्य और सुलभ बनाया है जिससे विद्यार्थी किसी भी समय और कहीं भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इंटरनेट के माध्यम से विद्यार्थियों को शैक्षणिक पुस्तक के शोध पत्र और अन्य शैक्षणिक संसाधनों तक आसान पहुंच प्राप्त हुई है।तकनीक का उपयोग

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो तपन शांडिल्य ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की कार्यशैली भारतीय समाज की कार्यशैली के अनुरूप सकारात्मक दिशा की ओर कार्य कर रही है।

Posted By: Inextlive