एडवोकेट महिला ने सुखदेव नगर थाना प्रभारी पर लगाए गंभीर आरोप. पुलिस टॉर्चर से परेशान होकर महिला ने की सुसाइड की कोशिश. एडवोकेट रवि मिश्रा मामले में महिला से पूछताछ कर रही थी पुलिस. 11 फरवरी को ही सुखदेव नगर थाना में रमाकांत ओझा की हुई थी पोस्टिंग


रांची(ब्यूरो)। हफ्ता भर नहीं हुआ सु़खदेव नगर थाना में इंस्पेक्टर का पदभार संभाले हुए और लाइन हाजिर भी कर दिए गए थाना प्रभारी रमाकांत ओझा। जी हां, रमाकांत ओझा की पोस्टिंग सुखदेव नगर थाना प्रभारी के रूप में बीते रविवार को यानी 11 फरवरी को ही हुई थी, और 18 फरवरी को उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया। दरअसल, रमाकांत ओझा पर एक एडवोकेट महिला ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया है। दरअसल, सायना जबिन नामक महिला जो चर्च रोड की रहने वाली है, और पेशे से एडवोकेट भी है, उन्होंने सुखदेव नगर थाना प्रभारी रमाकांत ओझा पर मेंटली टॉर्चर करने, जानबूझ कर परेशान करने, अकेले में मिलने का दबाव बनाने, फर्जी केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया है। पुलिस द्वारा टॉर्चर किए जाने से परेशान महिला ने सुसाइड अटेम्प भी किया। फिलहाल सदर अस्पताल में इलाजरत है। क्या है पूरा मामला
बीते 12 फरवरी को अधिवक्ता रवि मिश्रा पर अज्ञात अपराधियों ने फायरिंग की थी। गोली लगने से वे घायल हो गए थे। इसी मामले की छानबीन करते हुए सुखदेव नगर थाना पुलिस रवि की महिला मित्र सायना जबिन तक पूछताछ करने पहुंच गई। लेकिन महिला सायना ने बताया कि पूछताछ के बहाने पुलिस कर्मी आवास पर आए और जबरन मोबाइल फोन, पासपोर्ट व शादी का अलबम जब्त कर लिया। साथ ही जबरदस्ती थाने ले जाया गया। जहां दबाव डालकर सादे कागज पर निजी जिंदगी के बारे में लिखने को कहा गया। ऐसा नहीं करने पर पूरी रात थाने में बिठाए रखनी की धमकी भी दी गई। इसके अलावा उक्त महिला ने थाना प्रभारी रमाकांत ओझा पर अकेले में मिलने के लिए दबाव डाले जाने का भी आरोप लगाया है। शनिवार की देर रात इसी मामले को लेकर सुखदेव नगर थाना में हाई वोल्टेज ड्रामा भी हुआ। महिला ने की सुसाइड की कोशिश


सायना जबिन इस पूरी घटना से आहत हो गईं। उसने सुसाइड करने की भी कोशिश की है। सदर अस्पताल में सायना का इलाज हो रहा है। इससे पहले उसने एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें थाना प्रभारी रमाकांत ओझा पर कई आरोप लगाए गए हैं। महिला ने लिखा है कि थानेदार जांच के नाम पर जबरन उसे घर से उठाकर थाना ले गये। झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई। थानेदार ने अकेले मिलने का दबाव बनाया, ऐसा नहीं करने पर जबरन घसीट कर उठाने की बात भी कही है। महिला का आरोप है कि थानेदार ने उससे जांच के क्रम में भद्दे सवाल किये और दोस्ती करने का दबाव बनाया। इस मामले में सुखदेवनगर थाना प्रभारी का पक्ष लेने के लिए उनसे फोन पर बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया है। पहले भी वर्दी पर लगती रही है दागझारखंड में कुछ पुलिसकर्मियों की करतूतों के कारण वर्दी का चरित्र दागदार होता रहा है। कुछ दिन पहले ही हटिया लटमा की रहने वाली युवती ने एक थानेदार पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। मामले को लेकर युवती ने रांची के एसएसपी चंदन सिन्हा के सामने इंसाफ को लेकर गुहार लगाई थी। आए दिन पुलिसकर्मियों पर रेप, छेडख़ानी, यौन शोषण, कभी नशे की हालत में बदतमीजी करने की तो कभी रिश्वत लेने के आरोप लगते रहे हैं। इसमें कुछ सही भी साबित हुए तो कुछ फर्जी भी निकले हैं। रक्षक नहीं, भक्षक बनती जा रही पुलिस

आम जनता के बीच पुलिस की छवि एक ऐसी खौफनाक संगठन की बनती जा रही है, जो आम लोगों की दोस्त नहीं, शोषक है। लोग इसे अपना रक्षक नहीं बल्कि भक्षक मानने लगे हैं। झारखंड में पिछले पांच साल के दौरान ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिनसे पुलिस की खाकी वर्दी पर गहरे दाग लगे। इसके लिए पुलिस के कुछ अधिकारी और कर्मी ही जिम्मेवार हैं। जिन्होंने अपना रौब गांठने या फिर अपना हित साधने के लिए अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल किया।

मामला संज्ञान में आया है। थाना प्रभारी रमाकांत ओझा को लाइन हाजिर करके मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। -चंदन सिन्हा, एसएसपी, रांची

Posted By: Inextlive