रांची के स्टूडेंट्स का डेटा लीक!
RANCHI:रांची के प्राइवेट स्कूलों के हजारों स्टूडेंट्स का डेटा लीक हो गया है। इसे फेसबुक पर ट्रू-डेटा नाम की आईडी से बेचा जा रहा है। इसमें दसवीं और बारहवीं के स्टूडेंट्स की मुकम्मल जानकारी दी जा रही है। डेटा का सौदा करने वालों ने कई फेक आईडी से इसकी सार्वजनिक बोली लगवाई। जिससे जितने पैसे में डील हुआ, उसे एक्सेल शीट पर सारी जानकारी उपलब्ध कराई गई।
ऐसे हुआ खुलासास्टूडेंट्स का डेटा लीक होने की जानकारी फेसबुक के ही माध्यम से कई लोगों को मिली। इसके बाद दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ओर से भी सौदागरों से संपर्क किया गया। तत्काल डेटा उपलब्ध कराने वालों ने एक्सेल शीट में सारी जानकारी देने का भरोसा जताया। इसके लिए पहले दस हजार रुपए डिमांड किए गए। काफी मान-मनव्वल के बाद महज हजार रुपए में डेटा बेचने की बात कही। इसमें 10वीं, बारहवीं, और जेईई मेंस 2021 के स्टूडेंट्स का पूरे स्टेट का डेटा डेने की डील की गई।
ये जानकारी है मौजूदसौदागरों ने दावा किया कि स्टूडेंट्स का नाम, पेरेंट्स के नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल आइडी, सब्जेक्ट्स सहित तमाम जानकारी मिलेगी। इस रीड-ऑनली फाइल में दिया जाएगा, जिससे आसानी से एडिट किया जा सकता है। चूंकि, डेटा एक्सेल फॉर्मेट में प्रोवाइड किया जा रहा है, इसलिए इससे बल्क मैसेजिंग भी संभव है।
कौन कर सकता है इस्तेमाल डेटा का इस्तेमाल कई तरह के संस्थानों के काम आ सकता है। इसके माध्यम से ही विभिन्न संस्थानों में एडमिशन के लिए पेरेंट्स पर प्रेशर डाला जाता है। हालांकि, डेटा लीक होना खतरनाक भी है, क्योंकि इससे संबंधित लोग साइबर क्रिमिनल्स के शिकंजे में भी आ सकते हैं। इस तरह के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं, इसके बावजूद डेटा के सौदागर पकड़ में नहीं आते। राजस्थान से है कनेक्शन डेटा लीक करने और विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर सूचनाएं सार्वजनिक करने और बेचने वालों के तार राजस्थान से जुड़े हैं। राजस्थान में कोचिंग का हब भी मौजूद है। वहां हर तरह की सूचनाएं बल्क में एवेलेबल कराई जाती हैं। अब इसे देश भर के दूसरे राज्यों में भी बेचा जा रहा है। सौदागरों ने फेसबुक को डेटा बेचने का सबसे बड़ा माध्यम बनाया है। ऐसे बेचा जा रहा है डेटाफेसबुक पर ट्रू-डेटा ने एक महीने पहले ही देश भर के सीबीएसई स्टूडेंट्स का डेटा मौजूद होने का एलान किया था। इसके बाद रविवार को इसी आई़डी से जेईई मेंस से जुड़े देश भर के स्टूडेंट्स का डेटा बेचा गया। लोगों को कहा गया कि जो डेटा खरीदने के इच्छुक हैं, वे डायरेक्ट मैसेज करें। जैसे ही मैसेज भेजा गया, वैसे ही सौदागरों ने पेमेंट का ऑपशन देते हुए तुरंत एक्सेल शीट भेजने का वादा किया। कई लोगों ने डेटा खरीद भी लिया। डेटा खरीद-बिक्री पूरी तरह से अवैध है। किसी की मर्जी के खिलाफ कोई भी व्यक्ति डेटा खरीद या बेच नहीं सकता है।