3000 करोड़ रुपए के घोटाले पर कांग्रेस चुप क्यों?


रांची (ब्यूरो) । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कांग्रेस की पीसी पर पलटवार करते हुए कहा कि ईडी ने हेमंत सोरेन के जमानत के मुद्दे पर जो पिटिशन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है उससे बहुत चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। ऐसा लगता है कि झारखंड में समय थम सा गया है। मुगल विदा हो गए, लेकिन यहां मुगलिया सल्तनत अभी भी जारी है। ईडी के पिटीशन के अनुसार दरबार लगा करता था। सारे सलाहकार जुटते थे और खजाने को लूटने की योजना बनती थी। उसके बाद सुनियोजित तरीके से खजाने और प्रजा की जमीन की लूट होती थी.यही नहीं मातहत काम करने वाले अधिकारियों के यहां भी दरबार लगता था। उसी की गाढ़ी कमाई
अधिकारी जाम छलकाते हुए नृत्य करते थे। प्रतुल ने कहा की जिस आदिवासी मूलवासी को इन्होंने सत्ता में भागीदारी का वादा किया था, उसी की गाढ़ी कमाई को पूर्ववर्ती सरकार डकार गई। मौजूदा सरकार में भी इस कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। ईडी के पिटीशन के प्वाइंट 54 में इस पूरे प्रकरण का जिक्र है जिसका डिजिटल एविडेंस भी उपलब्ध है। प्रतुल ने कहा कि ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन के मामले में दिए पिटीशन के प्वाइंट 51 में स्पष्ट उल्लेख है कि सिर्फ ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर में कमीशन का 3000 करोड़ का घोटाला हुआ, जिसके तार सीधे तौर पर मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े हैं जो इनके सहयोगियों ने भी लिखित बयानों में स्वीकार किया है। इन सब बातों पर झामुमो और कांग्रेस खामोश है। प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस इस बात पर भी खामोश है कि ईडी ने अपने इसी पिटीशन में यह स्पष्ट किया है कि बढग़ाईं की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का ही कब्जा था। ईडी ने अपने पिटीशन में स्पष्ट किया है कि सर्किल ऑफिसर मनोज कुमार, पिंटू के आप्त सचिव उदय शंकर प्रसाद, पूर्व सीओ शैलेश कुमार और केयरटेकर संतोष पाहन ने गवाही देकर उस जमीन को हेमंत सोरेन की बेनामी जमीन बताया है। प्रतुल ने कहा कि इसे ही संस्थागत भ्रष्टाचार कहा जाता है जब पूरी की पूरी राज्य सरकार एक होकर लूट का खेल करती है।

Posted By: Inextlive