सितंबर से लगेंगे स्मार्ट मीटर
- 6.50 लाख स्मार्ट मीटर खरीदे जाएंगे
- वर्ल्ड बैंक ने एनओसी दिया, रांची जमशेदपुर और धनबाद से होगी शुरुआत - रांची में 3 लाख 50 हजार घरों में लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर - मीटर रिप्लेस करने पर अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा - स्मार्ट मीटर लगने के बाद मोबाइल की तरह प्रीपेड रिचार्ज कराना होगा रांची सहित राज्य के तीन जिलों में जल्द स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगा। इन जिलों में रांची, धनबाद और जमशेदपुर शामिल हैं। स्मार्ट मीटर की टेंडर प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। जेबीवीएनएल की मानें तो अगस्त के आखिरी सप्ताह या सितंबर के पहले सप्ताह में काम आवंटित हो जाएगा और इसके साथ ही मीटर लगने शुरू हो जाएंगे। जेबीवीएनएल चयनित एजेंसियों से स्मार्ट मीटर लेगा। वर्ल्ड बैंक ने दिया एनओसीनिगम के ईडी केके वर्मा ने बताया कि कुछ दिनों पहले वर्ल्ड बैंक से एनओसी मिला है। निविदा निष्पादन एनओसी मिलने से टेंडर प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में जल्द टेंडर की आखिरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। स्मार्ट मीटर के तहत तीन जिलों के छह लाख पचास हजार घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। अभी मीटर सिर्फ शहरी क्षेत्र में बदले जाएंगे। बता दें कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए पिछले साल ही टेंडर निकाला गया था। इसमें रांची समेत अन्य जिलों को शामिल किया गया।
3.50 लाख मीटर मिलेगा रांची जिले में तीन लाख पचास हजार स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। वहीं धनबाद और जमशेदपुर में तीन-तीन लाख स्मार्ट मीटर लगेंगे। जिसमें धनबाद में डेढ़ लाख और जमशेदपुर में डेढ़ लाख मीटर रिप्लेस किये जाएंगे। निगम की ओर से मीटर रिप्लेस करने पर अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा। ऐसे में मीटर नि:शुल्क बदला जाएगा। प्रीपेड होंगे मीटर निगम की योजना के अनुसार स्मार्ट मीटर प्रीपेड होंगे। इसके लिए उपभोक्ताओं को पहले पैसा भुगतान करना होगा। इसके बाद वो बिजली कंज्यूम कर सकेंगे। ऐसे में पैसे की वैधता समाप्त होने पर, बिजली कट जाएगी। निगम की मानें तो इससे ऑनलाइन भुगतान का अधिक इस्तेमाल होगा। बता दें कि साल 2017 में निगम की ओर से स्मार्ट मीटर की पहल की गयी थी। इसके बाद तत्कालीन टेंडर रद्द करते हुए निगम ने पिछले साल फिर से टेंडर निकाला। आने वाले समय में देवघर जिले में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। 15 लाख घरों में मीटर नहींरांची, जमशेदपुर और धनबाद के शहरी क्षेत्रों में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। इसके लिए 6.5 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने की प्रक्त्रिया चल रही है। राज्य में बिना मीटर वाले अथवा खराब मीटर वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 15 लाख है। यहां सिंगल फेज मीटर लगाने एवं बदलने का काम इस साल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उपभोक्ताओं की मैपिंग के लिए जीआईएस तकनीक लागू की जा रही है, ताकि ऊर्जा मित्र द्वारा की गई बिलिंग की निगरानी की जा सके।
रांची से होगी शुरुआत प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत राजधानी रांची से की जाएगी। सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले रांची जिले में स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय लिया है। रांची में काम पूरा होने के बाद जमशेदपुर, धनबाद तथा राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया जाएगा। राजधानी के साढे़ तीन लाख घरों में बिजली का प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। इस मीटर के लगने के बाद लोग अपने घर में बिजली की खपत अपने हिसाब से कर सकेंगे। प्रीपेड मीटर लगाने के लिए राजधानी के लोग भी इंतजार कर रहे हैं कि कब से उनके घर में प्री-पेड मीटर सेवा शुरू होगी, ताकि वो अपने अनुसार बिजली खर्च कर सकें। सब कुछ ऑनलाइन होगाइस सिस्टम के माध्यम से कंज्यूमर की बिजली खपत आदि पर भी नजर रखी जाएगी। सारा सिस्टम नेट कनेक्टेड सर्वर के माध्यम से संचालित होगा। यदि कंज्यूमर की बिजली कटती है या लो वोल्टेज आदि की समस्या होती है तो इसकी जानकारी अपने आप सेंट्रल कंट्रोलिंग सिस्टम के माध्यम से बिजली अधिकारियों तक पहुंच जाएगी। बिजली उपभोक्ता भी हर दिन अपनी बिजली खपत पर नजर रख पाएंगे। इसके तहत उपभोक्ता अपने मासिक बिल और बिजली खपत की प्लानिंग कर सकते हैं। सारा सिस्टम ऑनलाइन होगा और सारी व्यवस्था ट्रांसपैरेंट रहेगी। आम बिजली उपभोक्ता भी बिजली से संबंधित सारी जानकारी ऑनलाइन देख सकेंगे।
वर्ल्ड बैंक से एनओसी मिल गया है। टेंडर की प्रक्रिया फाइनल स्टेज में है। जल्द ही कंपनी तय तक काम शुरू कर दिया जाएगा। केके वर्मा, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, जेबीवीएनएल