ट्रांसफॉर्मर के नीचे दुकान, जोखिम में जान
रांची: जोखिम में जान, ट्रांसफॉर्मर तले कारोबार। जी हां, राजधानी रांची के कचहरी चौक, जयपाल सिंह स्टेडियम, वेंडर्स मार्केट समेत विभिन्न इलाकों में ट्रांसफॉर्मर के नीचे कारोबार हो रहा है। इससे एक ओर जहां दुकानदारों पर खतरा है वहीं दूसरी ओर खरीदारी करने आने वाले कस्टमर्स के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। आलम ये है कि ट्रांसफॉर्मर के पास न घेराबंदी है और न नोटिस बोर्ड ही, जिससे लोग ट्रांसफॉर्मर के करीब ना जा सकें। यह चौंकाने वाला खुलासा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में हुआ है।
वार्निग बोर्ड तक नहीं पहले ट्रांसफार्मर के पास खतरे का बोर्ड लगा होता था, जिससे की लोगों को दूर से ही पता चल जाता था। वहीं, आसपास में कंटीले तार भी लगाए जाते थे जिससे कि लोग वहां तक न पहुंचें। लेकिन ट्रांसफार्मर के पास ऐसा कोई इंतजाम दिखाई नहीं दे रहा है।जिम्मेवारों की आंखों में पट्टी
ट्रांसफार्मर के आसपास के इलाकों में कारोबार नहीं करने का प््रावधान है। इसके अलावा नीचे दुकान लगाने वालों पर कार्रवाई भी करनी है। फिर भी विभाग के जिम्मेवार लोग आंखों पर पट्टी बांधकर निकल जाते हैं। इसी का फायदा उठाकर अपनी दुकान लगाने वाले कारोबार करते हैं। इतना ही नहीं, ट्रांसफार्मर के नीचे होने से उन्हें हटाने का भी कोई डर नहीं होता।
कचहरी रोड गोपाल कांप्लेक्स के बाहर भी रोड पर ट्रांसफार्मर लगा है। मार्केट से यह थोड़ा दूर ही था। लेकिन वहां पर खाने के स्टॉल को ट्रांसफार्मर तक बढ़ा दिया गया है, जिससे कि वहां पर खाने वालों की भीड़ लगी रहती है। हमेशा वहां पर लोग खरीदारी के लिए आते हैं। अब स्टॉल के ट्रांसफार्मर से नजदीक होने के कारण हादसे का खतरा मंडरा रहा है। लेकिन इसे भी देखने के लिए विभाग के लोग नहीं आते। जयपाल सिंह स्टेडियम स्टेडियम के ठीक सामने होटल गंगा आश्रम के पास ही ट्रांसफार्मर लगा है, जहां पर अंडरग्राउंड केबलिंग के बाद ऊपर से बिजली के तारों का जंजाल तो खत्म हो गया। लेकिन ट्रांसफार्मर तो अब भी वहीं है। जिसके नीचे ही कंबल और प्लास्टिक की दुकान सज रही है। वहां पर पुलिस के जवान भी होते हैं लेकिन इससे उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। वेंडर मार्केटमार्केट के बाहर ही कोने में बड़ा ट्रांसफार्मर लगा है, जिससे पूरे एरिया में पावर सप्लाई की जाती है। यहां पर भी अंडरग्राउंड केबलिंग तो हो गई। अब ट्रांसफार्मर के नीचे ही फूलों का कारोबार चल रहा है। सुबह से देर रात तक वहां पर दुकानदार तो रहते हैं। वहीं कस्टमर की भी हमेशा भीड़ होती है। इसके अलावा शाम में काफी संख्या में लोग भी चाय की चौपाल में जुट जाते हैं। ऐसे में कोई हादसा हो जाए तो न जाने कितने लोग चपेट में आ जाएंगे।