मानव मस्तिष्क की विकृति का शुद्धिकरण जरूरी
रांची (ब्यूरो)। महाशिव रात्रि को लेकर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केन्द्र चौधरी बगान, हरमू रोड की ओर से केतारीबगान घाट रोड में आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर उद्घानट करते हुए सुरेश्वर महादेव के पुजारी सच्चिदानन्द पाण्डेय ने कहा कि मानव मस्तिष्क की विकृति से समाज के लिए समस्याएं हुई हैं और राजयोग द्वारा उसके शुद्धिकरण करने से ही वे दूर होंगी। यादगार पर्व है
शिवरात्रि आज सभी की इच्छा विकृतियों को नष्ट करके सुंदर समाज निर्मित करने की है। जब बुराइयों की वृद्धि व धर्म की अवहेलना होने लगती है तब सृष्टि का संतुलन संभालने के लिए ईश्वरीय भक्ति सक्रिय होती है। यही ईश्वरीय शक्ति ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माध्यम से युग परिवर्तन का दिव्य कर्तव्य अभी कर रही है, जिसका यादगार पर्व शिवरात्रि है। आत्म विस्मृति से पुन: आत्म स्मृति में मानवों को लाना ही शिव द्वारा उदृघोषित क्रांति का लक्ष्य है व इसमें ही मानव की सर्व समस्याओं का समाधान है। मानव इतिहास महत्वपूर्ण मोड़़ पर
कार्यक्रम में बोलते हुए रूपेश पाठक देव सुर्य मंदिर औरंगाबाद ने कहा कि मानव इतिहास पुन: महत्वपूर्ण मोड़ पर आ पहुँचा है जहाँ एक ओर मानव उत्थान की अनंन्त संभावनाएं हैं तो दूसरी ओर उसके समूल विनाश की पूरी तैयारी है। मानव जाति को ऐसे वारूद की ढेरी पर लाकर खड़ा कर दिया है, जिसमें किसी भी समय विस्फोट हो सकता है। सर्वभौतिक साधन होते भी मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है और अपने मूल स्वभाव शान्ति, प्रेम व आनन्द से मानव का संपर्क टूट गया है। शिव परमात्मा के आने का यह अनुकूल समय है और उनका कार्य चल रहा है। 88वीं शिवरात्रि ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी निर्मला बहन ने कहा कि परमात्मा अवतरण की इस 88वीं शिवरात्रि व इससे प्रारंभ होने वाले वर्ष का एक विशेष महत्व है क्योंकि तमोगुणी, दुखी व अशांत सृष्टि के परिवर्तन की भूमिका अब तैयार हो गयी है। यह ऐसा समय है जब शिव पिता परमात्मा का संदेश संसार की मनुष्य आत्माओं को सुना सकेंगे तथा निज का पुर्ननिरीक्षण करके आत्मा को शक्तिशाली बनाने का कार्यक्रम निश्चित कर सकेंगे। विश्व परिवर्तन कई प्रकार के मानवी कुकृत्यों व दैवी आपदाओं का मिलाजुला फल होगा।