महाराणा प्रताप की वीरता को दुश्मन भी सलाम करते थे
रांची(ब्यूरो)। मृत्यु तो सबकी होती है मगर सुमृत्यु वही है जो सबको भावुक कर जाए। इतिहास भी वैसे ही व्यक्तियों को याद रखता है जो समाज तथा देश के लिए कुछ किए हों या मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए हों। वीर भूमि राजस्थान में जन्म लेने वाले ऐसी ही महान विभूति थे महाराणा प्रताप, जो अपनी आखिरी सांस तक लड़ते रहे लेकिन मुगलों की गुलामी को स्वीकार नहीं किए। उनकी वीरता को उनके दुश्मन भी सलाम करते थे। ये बातें भारत सरकार द्वारा चलाए जा रही योजना एक भारत श्रेष्ठ भारत के उपलक्ष्य में सफायर इंटरनेशनल स्कूल रांची में आयोजित प्रार्थना सभा में कक्षा 8वीं के छात्र अथर्वराज ने कहीं। सभा को संबोधित करते हुए प्राचार्य अमित सिंह ने कहा कि एकता में अनेकता का सबसे बड़ा उदाहरण हमारा अपना देश भारत है, जहां अलग-अलग रंग, रूप, भाषा और धर्म के लोग आपस में मिलजुलकर रहते हैं और हमें भी उनकी सभ्यता और संस्कृति को जाननी चाहिए। इसी को ध्यान में रखकर भारत सरकार द्वारा एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना शुरू की गई, ताकि हम पूरे देश को जान व समझ सकें।मनमोहक कठपुतली नृत्य
कार्यक्रम में अर्शिया कक्षा छह तथा मयंक कक्षा सात द्वारा राजस्थानी कठपुतली नृत्य द्वारा सांप पकडऩे वाले की आकर्षक प्रस्तुति दी गई, वहीं अथर्वराज कक्षा आठ तथा ऋषि कक्षा आठ द्वारा हल्दीघाटी युद्ध को कविता के रूप में प्रस्तुत किया गया। कक्षा पांच व कक्षा सात के विद्यार्थियों द्वारा कठपुतली नृत्य की मनमोहक प्रस्तुती दी गई। कक्षा छह के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत राजस्थानी लोकगीत ने पूरी सभा को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत संगीत अध्यापक जितेन्द्र मिश्रा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। संचालन हर्ष झा कक्षा दस तथा गुरलिन कक्षा 12द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन भी गुरलिन द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में इतिहास अध्यापिका इला सिन्हा व संगीत अध्यापक जितेन्द्र मिश्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।