सदर हॉस्पिटल में सुपर फैसिलिटी
RANCHI: सरकारी हास्पिटल का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में यही बात आती है कि वहां तो सुविधा भी वैसी ही होगी। लेकिन शहर के बीचोबीच स्थित सुपरस्पेशियलिटी सदर हास्पिटल लोगों की इस सोच को गलत साबित कर रहा है। जहां प्राइवेट हास्पिटलों की तरह ही सुविधाएं मिलने से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। वहीं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उद्घाटन के बाद चार दिनों में ही हास्पिटल में क्0फ् बच्चों की डिलीवरी हो चुकी हैं। यही नहीं, हास्पिटल में आने वाले बच्चों और महिलाओं को जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत तमाम सुविधाएं भी मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही हैं।
क्ख्क् महिलाएं हुई भर्तीहास्पिटल में बेड की कमी होने के कारण लगातार बेड फुल रहते थे। वहीं, सुविधाओं के अभाव में लोग दूसरे हास्पिटल भी चले जाते थे। लेकिन उद्घाटन के बाद चार दिनों में सदर में क्ख्क् महिलाओं को एडमिट किया गया। जिसमें से फ्फ् महिलाओं का आपरेशन किया गया। जबकि बाकी 70 महिलाओं की नार्मल डिलीवरी कराई गई।
ब् अगस्त को पहले बच्चे का जन्मसुपरस्पेशियलिटी सदर हास्पिटल का उद्घाटन चार अगस्त को किया गया था। जिसमें ख्00 बेड का मैटरनिटी और चाइल्ड वार्ड बनाया गया है। जिसमें महिलाओं के लिए क्भ्0 बेड और बच्चों के लिए भ्0 बेड रखे गए हैं। चार अगस्त को हास्पिटल में नामकुम की रहने वाली पूजा देवी ने एक बच्ची को जन्म दिया था। इसके बाद से हास्पिटल में काफी संख्या में महिलाएं डिलीवरी के लिए पहुंच रही हैं। वहीं सुविधाओं के बारे में जानकारी मिलने के बाद लोगों का भरोसा सदर हास्पिटल पर और बढ़ गया है।
वार्ड में बेहतर सुविधाएं सदर में व्यवस्था पहले से काफी बेहतर है। जहां एक ही वार्ड में मरीजों की भीड़ नहीं है। इस वजह से भी लोगों को वार्ड काफी पसंद आ रहा है। बताते चलें कि हास्पिटल में प्री डिलीवरी और पोस्ट डिलीवरी वार्ड भी बनाए गए हैं। जहां मरीजों को रखा जा रहा है। उनका ध्यान रखने के लिए नर्स और सहिया भी हास्पिटल में मौजूद हैं। बॉक्स। जन्म से वैक्सीनेशन तक एक रुपया भी खर्च नहींसदर हास्पिटल में सारी सुविधाएं सरकार की ओर से मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही हैं। जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत बच्चे के जन्म से लेकर वैक्सीनेशन तक एक भी रुपया खर्च नहीं करना होगा। वहीं, गर्भवती का सिजेरियन भी मुफ्त में ही किया जाता है। जबकि प्राइवेट हास्पिटल वाले इसी काम के लिए एक-एक मरीजों से ख्भ्-भ्0 हजार रुपए तक वसूलते है। वहीं वार्ड और दवाओं के लिए अलग बिल बनाते हैं।