RANCHI : 15 साल का कुणाल क्लास नाइन का स्टूडेंट है. लेकिन वह सेंट जेवियर्स स्कूल के दूसरे बच्चों से थोड़ा अलग है. इस उम्र में जब दूसरे बच्चे अपने स्कूल टाइम और होम वर्क को पूरा करने के बाद मस्ती करते हैैैं तब वह अपने रॉक बैैंड ग्र्रुप के लिए प्रैक्टिस करता रहता है. एक जुनून है उसके अंदर जो उसे दूसरों से अलग करता है. उसके इस जुनून में साथ देते हैैं उसके अपने पांच दोस्त. उसकी चाहत है कि वह झारखंड का सबसे फेमस रॉक बैंड ग्रुप बनाए और दूसरी जगहों पर जाकर अपने बैंड के साथ परफॉरमेंस दे. ये सिटी के सबसे कम उम्र के बच्चों का बैंड सुब्रबैन सिम्फैनी है. ये स्कूल गोइंग स्टूडेंट का ग्रुप है जिसमें मणि रोहित सौरभ कुणाल और अनुराग शामिल हैैं. फिलहाल रांची में करीब 20 बैंड हैैं जिसमें आधे से अधिक स्कूल गोइंग स्टूडेंट्स के बैंड ग्रुप हैैं.


एक साथ जुटे 20 बैंड
थर्सडे की शाम में चार बजे मेन रोड स्थित फिरायालाल बैैंक्वेट हॉल में एक साथ रांची के 20 बैंड जुटे। इसमें राउरकेला और जमशेदपुर के बैंड भी शामिल थे। इंटर स्टेट रॉक बैंड कॉम्पटीशन का आयोजन मेटल बग्स रॉक बैंड और न्यू म्यूजिक वल्र्ड ने किया। इसमें आई नेक्स्ट मीडिया पार्टनर था।

सबको मिला मौका
कॉम्पटीशन में सभी बैंड ने अपना-अपना परफॉरमेंस दिया। एक साथ 20 बैंड को एक स्टेज पर लानेवाले मेटल बग्स के रॉबिन ने बताया कि एक साथ एक जगह पर लाकर हम लोग हर रॉक बैंड को मौका देना चाहते हैैं। जिससे हर बैंड को अपने परफॉरमेंस के बारे में पता चले और बेहतर करने का मोटिवेशन मिले।

सीखने का मिला मौका
म्यूजिक वल्र्ड के अचिंतो घोष ने बताया कि यहां रॉक बैैंड कॉम्पटीशन होने से काफी कुछ सीखने को मिला। हर रॉक बैंड की अपनी अलग खासियत होती है। सबको एक दूसरे के बैंड से कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है। किसी बैंड का गिटारिस्ट स्पेशलिस्ट होता है, तो किसी बैंड का स्पेशल वोकलिस्ट। एक स्टेज पर आने से हर बैंडवाले को अपनी कमियों के बारे में भी पता चलता है और खुद को इम्प्रूव करने का मोटिवेशन मिलता है। ऐसे इवेंट से खास पहचान भी मिलती है।

Crazy for rock
रॉक बैंड कॉम्पटीशन में शामिल होने के लिए उड़ीसा के राउरकेला से भी एक बैंड आया हुआ है। राउरकेला से आए हुए निलिंग रोजेज बैंड ग्रुप के शाहबाज खान ने बताया कि रांची के रॉक बैंड के बारे में हमने पहले भी सुना था। हमें पहली बार इस रॉक कॉम्पटीशन में शामिल होने का मौका मिला। यहां के लोगों में रॉक बैंड को लेकर जो क्रेज है, वह कम जगहों पर मिलता है। रांची के रॉक बैंड से हमने काफी कुछ सीखा है। उन्होंने बताया कि हम लोगों के बैंड में चार लोग आए हैैं,ं जिनमें शाहबाज, निशांत, निरंजन और अजीत शामिल हैं। रॉक बैंड कॉम्पटीशन में दो जजों का एक पैनल था। बेस्ट परफॉरमर को विनर सेलेक्ट किया गया और 15 हजार रुपए का कैश प्राइज दिया गया। इस मौके पर आए लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।

17 मिनट सबने किया परफॉर्म
रॉक बैंड में शामिल हर बैंड को अपना परफॉरमेंस देने के लिए 17 मिनट का टाइम दिया गया। इसमें दो मिनट अपने इंस्ट्रूमेंट को स्टेज पर इंस्टॉल करने और 15 मिनट  परफॉर्म करने के लिए दिया गया। मौके पर काफी संख्या में लोग मौजूद थे। सभी तालियां बजाकर उत्साह बढ़ाते रहे।

Once more, once more
माइनस 4 डिग्री के परफॉरमेंस के दौरान ज्यादा जोश देखने को मिला। इस दौरान वन्स मोर, वन्स मोर की डिमांड लगातार होती रही। एक के एक बैंड परफॉर्म करते रहे और जोश भी शाम के साथ  परवान चढ़ता गया।
माइनस 4 डिग्री रहा टॉप पर
कॉम्पटीशन में परफॉरमेंस के आधार पर माइनस फोर डिग्री को फस्र्ट, हाईवे 69 को सेकंड और मृत्यु मंत्रा को थर्ड पोजिशन मिला। जज में ट्रिनिटी रांची स्कूल ऑफ म्यूजिक के टीचर एनोस जॉन टोपनो और अयूब आइंग शामिल थे। अयूब आइंग ग्रेविटी बैंड के लीड गिटारिस्ट भी हैं। इवेंट में प्रदीप साउंड का योगदान रहा।

Posted By: Inextlive