सिटी के ब्लैक स्पॉट पर लगातार बढ़ रहे हादसे. रोड सेफ्टी कमिटी के आंकड़े भयावह. अलर्ट का बोर्ड लगाना भी भूल गया विभाग. ब्लैक स्पॉट के पास रोड की चौड़ाई भी कम.


रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची में सड़क हादसों में कमी आने का नाम नहीं ले रही है। सिटी की सड़कों पर हर दिन रोड एक्सीडेंट हो रहे है, जिसमें लोग अपनी जान भी गंवा रहे हैं। रोड सेफ्टी कमिटी के आंकड़ों के अनुसार, हर महीने 55 रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं, जिसमे 42 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। रोड एक्सीडेंट की बड़ी वजह सड़क के ब्लैक स्पॉट हैं। रांची में दस स्थान हैं जिसे ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया गया है। इन स्थानों पर लगातार रोड एक्सीडेंट के मामले देखे जा रहे हैं। रांची के कडरू पुल, बिरसा चौक, जज कॉलोनी समेत अन्य ब्लैक स्पॉट हर दिन लोगों की जान ले रहे हैं। रोड के गड्ढे बने जानलेवा


सड़कों के गड्ढे भी जानलेवा हैं। लेकिन, इनकी सुधार की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए गए। ब्लैक स्पॉट की पहचान और उन्हें सुधारने की बार-बार योजनाएं जरूर बनीं लेकिन जमीन पर अबतक कोई काम नहीं हुआ है। सिस्टम की लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ रहा है। 6 माह में 231 जान गईं

पिछले दो साल में सड़क हादसों में 28 फीसदी तक की वृद्धि हो गई है। इसका कारण लापरवाही से ड्राइविंग करने के साथ-साथ सड़क का चिकना होना भी है। पिछले तीन साल में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2020 में 552 सड़क हादसे हुए। जिसमें 384 लोगों ने जान गंवाई। 2021 में 634 रोड एक्सीडेंट हुए जिसमें 492 लोग काल के गाल में समा गए। वहीं इस साल बीते छह महीने में 327 रोड एक्सीडेंट हुए है, जिसमे 231 लोगों की जान जा चुकी है। रांची-टाटा रोड (एनएच-33) में तमाड़ के आसपास का इलाका एक्सीडेंट जोन में तब्दील हो गया है। यहां सड़क और पुल का निर्माण हो रहा है। टाटा मार्ग के तमाड़ थाना क्षेत्र स्थित इस जोन में जनवरी से जून तक 53 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई है। करीब 30 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। तीखे मोड़ पर खतरा

ये ब्लैक स्पॉट कहीं-कहीं तीखे मोड़ के रूप में जाने जाते हैं। कहीं डायवर्सन तो कहीं घाटी के नाम से। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने कई बार ऐसी जगहों को दुरुस्त करने का प्रयास किया, लेकिन नतीजा सिफर है। रांची के सिरमटोली चौक के आसपास, कांटाटोली चौक के पास, करमटोली चौक के पास, रातू रोड सहित कई जगहों पर जानलेवा गड्ढे हैं। रांची के ब्लैक स्पॉट पर एक दर्जन से अधिक सड़क हादसे हुए हैं। कुछ दिनों पहले कडरू ब्रिज पर दो दिन में दो रोड एक्सीडेंट हुए, जिसमे एक महिला की जान चली गई। आबादी बढ़ी, सड़क वहीरांची में आबादी जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी तेजी से सड़कों की प्लानिंग नए तरीके से नहीं हो सकी है। सही तरीके से सड़क चौड़ीकरण भी नहीं हो सका है। नतीजा शहर में सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं। जिला सड़क सुरक्षा विभाग, रांची के आंकड़े बताते हैं कि शहर में हर महीने 60 से 65 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और करीब 40 लोगों की मौत हो रही है। मरने वालों में सबसे अधिक बाइक सवार युवा हैं। राजधानी की अधिकतर सड़कें बेतरतीब हैं। जहां हादसे बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन संबंधित विभाग दुरुस्त करने में कोई रुचि नहीं ले रहा है। जिस स्थान पर ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं वहां आस-पास सावधानी के बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं। ये हैं शहर के ब्लैक स्पॉटबिरसा चौक के पासजज कॉलोनी के समीप टर्नकडरू पुल डीपीएस चौकनेपाल हाउस मोड़खेलगांव-मेगा स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स, गोलचक्करहिल व्यू नर्सिंग होम मोड़जोड़ा तालाब मोड़नामकुम थाना के पासरांची-पिठोरिया रोड

Posted By: Inextlive