घंटी बजाओ, सरकार जगाओ की नीति पर डटे राज्य के घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक
रांची (ब्यूरो)। झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ के द्वारा आयोजित महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति तथा माननीय मुख्यमंत्री के ध्यानाकर्षण कार्यक्रम के पांचवें दिन राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों व अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों ने अपने मांगों को लेकर ध्यानाकर्षण हेतु आज डॉ0 एस। के। झा के नेतृत्व में घंटी बजाओ ,सरकार जगाओ कार्यक्रम किया गया।
इस मौके पर डॉ0 नरेंद्र कुमार दास ने कहा कि राज्य बनने के बाद उच्च शिक्षा की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है। दिन प्रतिदिन शिक्षक रिटायर होते जा रहें हैं। राज्य के कई महाविद्यालय और विभागों में विद्यार्थी तो हैं पर शिक्षक एक भी नहीं है। कहीं कहीं एक दो शिक्षक पूरे डिपार्टमेंट को सम्हाले हुए हैं जबकि छात्रों की संख्या सैकड़ों में है। आज उ'च शिक्षा व्यवस्था पूरे अनुबंध शिक्षकों के भरोसे ही चल रही है, लेकिन सरकार हम शिक्षकों को बंधुआ मजदूर से भी बुरा हाल करके रखे हुए है।
डॉ0 रीझू नायक ने कहा कि रा'य के विश्वविद्यालयों व अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी थी, उस समय उ'च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से हम घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति सन 2018 में की गई थी। हमलोग लगातार साढ़े चार वर्षों से शिक्षा में गुणवत्ता लाने का अथक प्रयास कर रहें है लेकिन सरकार हम प्राध्यापकों पर तनिक भी ध्यान नहीं दे रही है। आज तक मानदेय में एक रुपया की वृद्धि नहीं की गई, नतीजा हमलोगों को आज सड़कों पर ध्यानाकर्षण हेतु धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। डॉ0 स्मिता गुप्ता, डॉ0 निवेदिता मुनमुन एवं डॉ0 अंजना सिंह ने घंटी बजाओ, सरकार जगाओ कार्यक्रम के बारे में कहा कि कुल मिलाकर ये नियुक्ति काफी शोषणकारी है। सरकार हमलोगों को लगातार शोषण कर रही है। शोषण कारी व्यवस्था के विरुद्ध मजबूर होकर एकत्रित होना पड़ रहा है ताकि रा'यपाल सह कुलाधिपति तथा मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक महोदय का ध्यानाकर्षण कार्यक्रम के जरीए ध्यान आकृष्ट किया जा सके। सरकार घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों को रेगुलराइज करते हुए, यूजीसी ग्रेड के अनुसार निश्चित मासिक मानदेय तय करें और हमारे टर्मीनेट किए गए शिक्षकों को तत्काल सेवा में बहाल करे।
इस मौके पर डॉ0 बिंदेश्वरी साहू ने कहा कि सरकार सत्ता में आने से पहले हम घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों के प्रति काफी संवेदनाएं दिखाई थी, चुनाव पूर्व बड़े बड़े वादे किए थे । चुनाव पूर्व सभाओं में चिला चिलाकर कहते नहीं थकते थे कि अनुबंध शिक्षकों को परमानेंट कर दूंगा, परंतु आज तक हमलेगों को किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी गई। आज मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।आज के ध्यानाकर्षण हेतु धरना प्रदर्शन में विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये सैकड़ों घंटी आधारित अनुबंध शिक्षक उपस्थित रहे। जिसमें मुख्य रूप से डॉ0 स्वीटी मरांडी, डॉ0 सोनू फ्रांसिस मूर्मू, डॉ0 सुधा ग्लादिस किस्कू, डॉ0 संयोजित लकड़ा, डॉ0 गुरुचरण पूर्ति, डॉ0 मनोज क'छप, डॉ0 रेखा कुमारी, डॉ0 पुष्पा कुमारी, डॉ0 बी। एन। साहू, डॉ0 दीपक कुमार, डॉ0 अजय नाथ सहदेव, डॉ0 सुभाष साहू, डॉ0 निरंजन कुमार महतो, डॉ0 त्रिभूवन शाही, डॉ0 मिराकल टेटे, डॉ0 सत्यनारायण उरांव, डॉ0 नीरा वर्मा, डॉ0 अंजुम आरा, डॉ0 संजू कुमारी, डॉ0 अशोक कुमार महतो, डॉ0 राम कुमार, डॉ0 बिलकस पन्ना, इत्यादि ने भाग लिया।