First choice of Housing Ranchi: रांची स्मार्ट सिटी व रिंग रोड एरिया, आशियाने के लिए बने पहली पसंद
रांची (ब्यूरो)। राज्य बनने के बाद लोगों के बसने के लिए रांची शहर पहली पसंद बन गया। साथ ही जमीन और फ्लैट की कीमत भी आसमान छूने लगी। लोगों ने रांची शहर में जमीन खरीदी। लेकिन अब नगर निगम के बाहरी इलाकों में भी जमीन लेकर बसने को लोग पहली प्रायोरिटी दे रहे हैं। रांची स्मार्ट सिटी के आसपास जो रैयती जमीन और गांव हैं, वहां की जमीन लोगों की पसंद होती जा रही है। इसके अलावा रिंग रोड और ट्रांसपोर्ट नगर बन जाने के बाद इस इलाके की जमीन के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। रिंग रोड में सबसे अधिक डिमांड
राजधानी रांची में इन दिनों एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राजधानी के एक इलाके में जमीन के भाव रॉकेट की स्पीड से बढ़ रहे हैं। दरअसल, रांची के सुकुरहुटू क्षेत्र मेंट्रांसपोर्ट नगर बनने जा रहा है, जिसके आसपास की जमीन की कीमत इन दिनों खूब बढ़ी है। 4 साल पहले इस जगह पर मामूली कीमत पर जमीन उपलब्ध थी, लेकिन आज दाम आसमान छू रहा है। ट्रांसपोर्ट नगर बनने की वजह से आसपास की जमीन का भाव रॉकेट की स्पीड से 2 साल में बढ़ा है। 8-10 लाख प्रति डिसमिल कीमत
ट्रांसपोर्ट नगर और स्मार्ट सिटी के आसपास में पांच साल पहले और आज के दाम में बहुत अंतर आ गया है। इन इलाकों के आसपास रेसिडेंशियल प्लॉट की कीमत की बात करें तो 8 से 10 लाख रुपये प्रति डिसमिल हो गई है। कॉमर्शियल प्लॉट की कीमत 15 से 20 लाख रुपये प्रति डिसमिल है। यानी पांच सालों में यहां की जमीन के दाम में गजब की तेजी देखने को मिली है। माना जा रहा है सेंटर प्वाइंट स्मार्ट सिटी के आसपास के जो गांव हैं और रिंग रोड के आसपास लोकेशन की बात करें तो इन प्लॉट से रिंग रोड 500 मीटर की दूरी पर है। रिंग रोड बन जाने के बाद शहर की दूरी नजदीक हो गई है। स्मार्ट सिटी बनने के बाद से वहां डेवलपमेंट बहुत तेजी से हो रही है। सभी तरह की सुविधाएं वहां मिल रही हैं, आने वाले दिनों में और अधिक विकास उस इलाके में होना है, इसलिए लोग जमीन लेने के लिए इस इलाके को बहुत पसंद कर रहे हैं। रिंग रोड बनने के बाद से चारों तरफ से शहर में एंट्री करने के लिए सडकें बन गई हैं। क्यों लोग कर रहे पसंद
हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, मेन रोड, कचहरी सभी जगह तक आने-जाने के लिए पक्की सड़क मिलेगी। 500 मीटर की दूरी पर रिंग रोड है। वहां से आसानी से लोग शहर में आ सकते हैं और अन्य जिलों में आराम से जा सकते हैं। ट्रांसपोर्ट नगर बनने के बाद लोगों को आने-जाने में भी सुविधा होगी। ट्रांसपोर्ट नगर भी कर रहा आकर्षितट्रांसपोर्ट नगर शुरू होने के बाद भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। राजधानी के मुख्य मार्गों को दरकिनार करते हुए भारी वाहन रिंग रोड से ही ट्रांसपोर्ट नगर तक पहुंच जाएंगे। मालूम हो कि राजधानी में प्रतिदिन सुबह आठ से रात 10 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश बंद रहता है। इधर, ट्रांसपोर्ट नगर करीब 40 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है। इसमें करीब 113 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। जुडको की मॉनिटरिंग में इस काम को किया जा रहा है। यहां पहले फेज में 424 बड़े वाहनों की पार्किंग, जी प्लस 6 इंटीग्रेटेड बिल्डिंग, 16 ऑफिस, 180 बेड वाली डोरमेट्री, 150 लोगों के बैठने की क्षमता वाला फूड कोर्ट, 17 खुदरा विक्रेता दुकान, पुलिस चेकपोस्ट, हेल्थ चेकअप सेंटर, मेडिसीन शॉप, टॉयलेट और दो धर्मकांटा का भी निर्माण किया जा रहा है।