मांगों को लेकर हाई कोर्ट में दाखिल की गई है याचिका


रांची (ब्यूरो) । झारखंड नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम नियमावली 2011 पत्रांक 1291 / 11/ 5 /11 के प्रथम संशोधित 625 /25 / 4 / 19 में जमीन की बाध्यता कमरे का साइज़ आदि को बाध्य किया गया है जिसके विरुद्ध में झारखंड के माननीय उ'च न्यायालय में जेएचसी 01- 033815 - 2019 के अंतर्गत झारखंड के विभिन्न निजी विद्यालय का संगठन द्वारा संशोधित नियमावली को निरस्तीकरण हेतु याचिका दायर किया गया है जिसकी सुनवाई आगामी 23 जुलाई को आने की संभावना है। विदित हो कि पूरे देश में सिर्फ झारखंड प्रदेश ही ऐसा प्रदेश है जो विभिन्न नियमों परिनियमों से जकड़ दिया गया है जो पूरे भारत के किसी राज्य में ऐसा नहीं किया गया है। यदि न्यायालय द्वारा निर्णय में उपरोक्त नियमावली को निरस्त नहीं किया जाता है तो संगठन झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से से यह मांग करती है कि इससे विधानसभा पटल पर लाकर पुनर्विचार याचिका पारित कर झारखंड के शिक्षा जगत को सुधार करने हेतु इस नियमावली को पूर्ण रूप से निरस्त करें। इसके लिए संगठन के प्रतिनिधि सरकार के मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री और जनप्रतिनिधियों से उपरोक्त विषय पर ध्यान आकृष्ट करने हेतु ज्ञापन सौंपेंगे। यू डायस कोड जारी
विदित हो कि पूरे झारखंड प्रदेश में लगभग 45000 गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय हैं जिसमें 90 प्रतिशत विद्यालयों को यू डायस कोड निर्गत किया गया है इसमें कार्यरत शिक्षक शिक्षकेतर एवं अध्यनरत छात्र-छात्राओं की संख्या प्रत्येक वर्ष राज्य एवं केंद्र सरकार को विद्यालयों के द्वारा यू डायस कोड के माध्यम से अग्रसारित किया जाता रहा है। साथ ही वर्ग आठवी की परीक्षा में सभी छात्रों को परीक्षा दिलाया जाता है। यदि सरकार इस संवैधानिक नियमावली को सदन के द्वारा संशोधित नहीं करती है तो बाध्य होकर प्रदेश के विभिन्न संगठनों के साथ आंदोलन करने के लिए विवश होंगे। इसकी पूर्ण जिम्मेवारी झारखंड सरकार की होगी। झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा वर्ग आठवीं के छात्राओं का छात्रों का विगत कई वर्षों से परीक्षा लिया जा रहा है जिसमें गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय के छात्रों को भ्रभी सम्मिलित किया जाता है और सरकार अपने छात्र संख्या में वृद्धि कर भारत सरकार को इसकी संख्या देती है। इसलिए संगठन सरकार से यह मांग करती है कि जिस तरह सरकारी विद्यालय के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और साइकिल दी जाती है उसी तरह गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के छात्रों को भी छात्रवृत्ति और साइकिल मिले।

Posted By: Inextlive