पुलिस स्टेशन और ट्रैफिक पोस्ट दोनों जगह स्थिति खराब. नेचुरल कॉल आने पर महिला पुलिस कर्मियों को जाना पड़ता है इधर-उधर. ड््यूटी स्पॉट के अलावा बैरक में भी महिला पुलिस कर्मियों को झेलनी पर रही परेशानी.


रांची(ब्यूरो)। ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिस कर्मियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर टॉयलेट और रेस्ट रूम के लिए उन्हें हर दिन परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। दरअसल, सिटी में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती तो कर दी गई है, लेकिन उनकी सुविधा पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जो महिलाएं घर से टिफिन लेकर आती हैं, उन्हें खाना खाने के लिए भी जगह नहीं मिलती। इस समस्या के समाधान के लिए कई बार लेटर लिखा गया, लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। दो महीने पहले ही राजधानी रांची में सीएसएनआर की ओर से सर्वे कराया गया था, जिसमे 96 परसेंट महिला पुलिस कर्मियों ने थाना और ट्रैफिक पोस्ट में टॉयलेट का घोर अभाव बताया था। इसके बाद महिलाओं के लिए टॉयलेट बनाने और पुलिस स्टेशन एवं ट्रैफिक बूथ को अपडेट करने का निर्णय लिया गया, लेकिन अब तक यह संभव नहीं हो पाया है।400 महिला पुलिसकर्मी राजधानी में तैनात
सिटी में करीब 400 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं। पुलिस स्टेशन, ट्रैफिक पोस्ट से लेकर पुलिस लाइन व अन्य स्थानों पर भी महिला पुलिस कर्मी की तैनाती है। सिर्फ सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए विभिन्न चौक-चौराहों पर करीब 90 महिला पुलिस कर्मी की ड्यूटी है। जबकि पुलिस लाइन में 60 महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती है। शक्ति कमांडो में 80 हैं। शेष अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में ड्यूटी दे रही हैं। ऐसे में चार सौ महिला पुलिस कर्मियों को हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, कुछ ट्रैफिक बूथ ऐसे भी हैं, जहां पुरुष पुलिस कर्मियों को भी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। किसी तरह जुगाड़ तकनीक का इस्तेमाल करके पुलिस कर्मी ड्यूटी कर रहे हैं।10-12 घंटे ड््यूटी, रेस्ट नहीं


महिला पुलिस कर्मियों को हर दिन 10 से 12 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है। लेकिन उनकी मूलभूत सुविधाओं का जरा भी ध्यान नहीं दिया जाता है। दिन भर सड़क पर यातायात व्यवस्था संभाल रहीं इन महिला पुलिसकर्मियों के लिए वर्किंग प्लेस पर टॉयलेट नहीं है, आराम करने के लिए रेस्ट रूम नहीं है। नेचुरल कॉल आने पर उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ता है। कोई सरकारी कार्यालय तो कोई मॉल या काम्पलेक्स में जाकर फ्रेश होती हैं। सिर्फ वर्किंग प्लेस ही नहीं, महिला पुलिस कर्मियों के रहने वाले बैरक की हालत भी सही नहीं है। महिलाओं के लिए दो बैरक बनाए गए हैं। जहां दो सौ महिला पुलिसकर्मी रहती हैं। यहां साफ-सफाई का घोर अभाव है। इस कारण यहां भी टॉयलेट यूज करने में महिलाए असहज महसूस करती हैं। 10 से 12 घंटे की ड्यूटी के बाद बैरक में भी आराम करने की ठीक से जगह नहीं है। तीन दर्जन ट्रैफिक पोस्ट अपडेट करने का प्लान फेलट्रैफिक पोस्ट अपडेट करने के लिए कई बार निर्णय लिये गए हैं। दो महीने पहले भी शहर के तीन दर्जन ट्रैफिक बूथों को दुरुस्त करने का निर्णय लिया गया था। चिन्हित ट्रैफिक पोस्ट पर केबिन और शौचालय बनाने का निर्णय हुआ था। ट्रैफिक पोस्ट पर टॉयलेट बनाने के लिए एसएसपी की ओर से नगर निगम के नगर आयुक्त को एक लेटर भी लिखा गया था.फिर भी अब तक इसकी पहल भी नहीं हुई है। इन ट्रैफिक पोस्ट पर बनना था केबिन व टॉयलेट हरमू मुक्ति धाम कटिंग, डोरंडा थाना मोड़, जेवियर्स कॉलेज मोड, एयरपोर्ट, हटिया स्टेशन मोड़, विधानसभा, शहीद मैदान, प्रोजेक्ट भवन, न्याय पथ हरमू, दीन दयाल चौक, शालीमार बाजार, पुलिस मुख्यालय, धोनी कटिंग, जेवीएम कार्यालय, सेटेलाईट चौक आदि स्थानों पर पोस्ट, केबिन और टायॅलेट बनाये जाने का निर्णय लिया गया था।

रांची नगर निगम को लेटर लिखा गया है। कई स्थानों पर ट्रैफिक पोस्ट भी बनाना है। इसके अलावा महिला और पुरुषों के लिए टॉयलेट की भी व्यवस्था होनी है। फिर से निगम को पत्राचार किया जाएगा। -कुमार गौरव, ट्रैफिक एसपी, रांची

Posted By: Inextlive