पास के लिए नाक रगड़ रहे लोग, डीटीओ आउट ऑफ रेंज
RANCHI:लॉकडाउन को डेढ़ महीने से ज्यादा वक्त बीत चुके हैं। जो जहां है वहीं फंसा हुआ है। रांची में भी बाहर से आए हजारों लोग फंसे हुए हैं। इन्हें अपने घर लौटने के लिए वाहन पास की जरूरत है, लेकिन पास बनवाने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं। काफी मुश्किल से कुछ लोगों को पास जारी हो रहा है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिनका एप्लीकेशन ही बिना कोई कारण बताए बार-बार रिजेक्ट किया जा रहा है। पिछले एक हफ्ते से जिला परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार ऑउट ऑफ रेंज ही चल रहे हैं। इससे आम नागरिकों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। जिला परिवहन कार्यालय में अप्लीकेशन अप्लाई करने के बाद सुबह अप्लीकेशन नंबर तो दे दिया जाता है, लेकिन शाम होते-होते वह इनवैलिड हो जाता है। हर दिन डीटीओ ऑफिस के बाहर सैकडों लोग अपनी समस्या लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन इनकी समस्या सुनने वाला भी कोई नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने गाडि़यों का पास बनवाने के लिए आवेदन करने वाले लोगों से उनकी पीड़ा जानने की कोशिश की।
ड्यूटी ज्वाइन करने कह रही बिहार सरकारदेवी मंडप के रहने अभिमन्यु पाठक बिहार के गया में सरकारी शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। बिहार सरकार की ओर से ड्यूटी पर लौटने का बुलावा आया है। अभिमन्यु हफ्ते भर से पास बनवाने के लिए सीओ और डीटीओ ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं। विभाग द्वारा जारी किए गए मेल आईडी, बेवसाइट और एप पर ऑनलाइन अप्लाई भी किए, लेकिन अबतक इन्हें पास निर्गत नहीं हुआ। अभिमन्यु ने बताया कि कई बार अप्लाई करने के बाद भी अबतक पास नहीं बना है। उधर, बिहार सरकार सस्पेंड करने की बात कह रही है। अभिमन्यू ने बताया कि वे क्या करें, कहां जाएं यह उन्हें समझ में नहीं आ रहा है। उन्होंने बताया कि पहले कोई रिप्लाई भी नहीं आ रहा था, लेकिन शनिवार को रिजेक्शन का मैसेज आया। किस लिए रिजेक्ट किया गया इसकी जानकारी भी नहीं दी गई है।
डेढ़ महीने से फंसी हैं रांची मेंमसौढी की रेखा देवी भी डेढ़ महीने से रांची में फंसी हुई हैं। उन्होंने बताया कि पास के लिए हर प्रयास कर लिए, लेकिन पास जारी नहीं हुआ। वो रांची महिला थाना में रह कर दिन काट रही हैं। मसौढी में ही ड्यूटी है। करीब डेढ़ महीने पहले काम से रांची आई थीं, लेकिन यहां आने के बाद लॉकडाउन में फंस गईं। अब वापस जाने का कोई साधन नहीं मिल रहा है। रेखा ने बताया कि पास के लिए उन्होंने ऑनलाइन अप्लाई भी किया है, लेकिन अभी तक रिप्लाई ही नहीं आया है। नए आईडी और बेवसाइट पर भी वो पास के लिए अप्लाई कर चुकी हैं, लेकिन यहां से भी कोई जवाब नहीं मिला है।
देवघर जाना है देवघर में इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में ड्यूटी करने वाले अरुण तिग्गा भी ऐसे ही पास के लिए परेशान नजर आए। उन्होंने बताया कि कई दिनों से वे वाहन पास के लिए प्रयास कर रहे हैं। देवघर में ड्यूटी ज्वाइन करना है, लेकिन यहां ये लोग समझते ही नही। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रोसेस को इतना ज्यादा जटिल बना दिया गया है कि कॉमन मैन समझ ही नहीं सकते है। वे कई दिनों तक डीटीओ ऑफिस का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन वहां से ऐसे ही वापस लौटा दिया जाता है। ऑफिस मत आओ, 1950 में कॉल करोपरेशान लोग डीटीओ ऑफिस पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें यहां भी कोई मदद नहीं मिलती। ऑफिस के कर्मचारी भी 1950 में कॉल करने को कहा जाता है। ऑफिस आनेवाले लोगों का आरोप है कि यहां बर्ताव भी ठीक से नहीं किया जा रहा है। ऑफिस आने वाले लोगों को दुत्कार कर भगा दिया जाता है। शनिवार को भी एक ऐसा वाकया दिखा। एक महिला पास के सिलसिले में डीटीओ आफिस पहुंची थी। कर्मचारियों ने उसकी मदद तो नहीं की, उल्टे से डांटकर भगा दिया। उस महिला को 1950 नंबर कॉल कर अपनी समस्या को बताने को कहा गया, लेकिन महिला ने बताया कि इस नंबर पर फोन नहीं लगता है।
पांच बार बदल चुका है आईडी पास के लिए 30 मार्च को ही मेल आईडी जारी किया गया था, लेकिन कुछ ही दिन में लोड बढ़ने के कारण मेल आईडी को ब्लॉक करना पडा। इसके बाद पास की जिम्मेवारी डीआईजी को दी गई। यहां भी लोगों के आवेदन को संभालना मुश्किल होता देख एक बार फिर से मेल आईडी जारी हुआ। इस बार भी मेल आईडी बीच में ही काम करना बंद कर दिया। वहीं फिर से नया मेल आईडी जेनरेट कर इसे जारी किया गया। इसमें भी वही समस्या आई और यह भी बंद हो गया। तीन दिन पहले ही नया लिंक जारी किया गया है। इसमे कुछ लोगों के आवेदन एक्सेप्ट हुए हैं, लेकिन हजारों लोग अब भी पास को लेकर परेशान हैं।