रांची के रणेंद्र को मिला 2024 का कथाक्रम सम्मान
रांची (ब्यूरो) । वर्ष 2024 का आनन्द सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान चर्चित कथाकार रणेन्द्र को दिया जाएगा। कथाक्रम सम्मान समिति, जिसमें कथाक्रम संयोजक शैलेन्द्र सागर, वरिष्ठ कहानीकार शिवमूर्ति, रंगकर्मी राकेश व चर्चित लेखिका रजनी गुप्त सदस्य हैं, ने यह निर्णय लिया। 04 मार्च 1960 को जन्मे रणेन्द्र हिंदी कथा साहित्य के विशिष्ट एवं चर्चित कथाकार हैं। झारखंड के प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर अपने दायित्वों का पूरी योग्यता और दक्षता से निर्वहन करते हुए वह 2020 में सेवानिवृत्त हुए और बाद में अप्रैल 2024 तक वह झारखंड सरकार के जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के निदेशक के रूप में कार्यरत रहे।ग्लोबल गांव का देवता
साथ ही कथा साहित्य में उनकी सक्रियता बनी रही। 2003 में प्रकाशित अपने पहले उपन्यास ग्लोबल गांव का देवता से वह हिंदी साहित्य जगत में चर्चा में आए। वर्ष 2014 में उनका दूसरा उपन्यास गायब होता देश भी अत्यंत चर्चित हुआ किंतु 2021 में प्रकाशित उनके तीसरे उपन्यास गूंगी रुलाई का कोरस ने अपनी विशिष्ट कथावस्तु और प्रस्तुति के कारण उन्हें अपूर्व प्रतिष्ठा प्रदान की। इन उपन्यासों में रणेन्द्र ने आदिवासी जीवन, समाज और संस्कृति का अत्यत प्रामाणिक आख्यान प्रस्तुत कर हिंदी कथा साहित्य को समृद्ध किया है। उपन्यासों के अतिरिक्त उनके दो कहानी संग्रह रात बाकी एवं अन्य कहानियां व छप्पन छुरी बहत्तर पेंच और एक कविता संग्रह प्रकाशित हैं। उन्होंने चार खंडों में प्रकाशित झारखंड एनसाइक्लोपीडिया का भी संपादन किया है।ये सम्मान भी मिलारणेन्द्र को जेसी जोशी स्मृति जनप्रिय लेखक सम्मान, बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान, पहला विमलादेवी स्मृति सम्मान, वनमाली कथा सम्मान, श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान, ढींगरा फैमिली फाउंडेशन अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान, प्रेमचंद कथा सम्मान आदि से समादृत्त किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष एक कथाकार को प्रतिष्ठित आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान दिया जाता है जिसके अंतर्गत इक्कीस हजार रुपए धनराशि, सम्मान चिन्ह व पत्रक प्रदान किया जाता है। विगत सालों में संजीव, कमलाकांत त्रिपाठी, चंद्रकिशोर जायसवाल, मैत्रेयी पुष्पा, दूधनाथ सिंह, ओमप्रकाश बाल्मीकि, शिवमूर्ति, असगर वजाहत, भगवान दास मोरवाल, उदय प्रकाश, प्रियंवद, मधु कांकरिया, महेश कटारे, अब्दुल बिस्मिल्ला, स्वयं प्रकाश, तेजिन्दर, जयनंदन, नासिरा शर्मा, अखिलेश, राकेश कुमार सिह, जया जादवानी, मनोज रूपड़ा, एस आर हरनोट, नवीन जोशी, पंकज मित्र, हृषीकेश सुलभ एवं योगेन्द्र आहुजा को यह सम्मान दिया जा चुका है। यह सम्मान कथाक्रम 2024 समारोह के अवसर पर दिनांक 09 नवम्बर 2024 को लखनऊ में प्रदान किया जाएगा।