आध्यात्मिकता ही बुद्धि का श्रेष्ठ भोजन है : निर्मला बहन
रांची(ब्यूरो)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान के स्थानीय सेवाकेन्द्र चौधरी बगान, हरमू रोड में चल रहे राजयोग कार्यक्रम सफलता की कुंजी एवं तनाव मुक्ति के चौथे दिन गुरुवार को सभा को संबोधित करते हुए केन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि मनुष्य आध्यात्मिक मूल्यों को अपनी उन्नति में बाधा समझ रहा है। अनैतिकता से लडऩे के लिए सद्बुद्धि दो, ऐसा सभी मनुष्य, प्राणी भगवान से ही मांगते हैं। पर आध्यात्मिकता ही बुद्धि का श्रेष्ठ भोजन है। जैसे शरीर की जरूरतें पूरी करते हैं, वैसे आत्मा की जरूरतें अध्यात्म के माध्यम से ही पूरी हो सकती हैं। शान्ति की शक्ति स्वर्ण तुल्य है। जैसे अधिक सन्तान रखने से सन्तति कमजोर होती है। वैसे ही स्वास्थ्य के लिए संकल्पों की रचना भी कम ही होनी चाहिए। श्रेष्ठ संकल्प लेकिन संख्यात्मक रूप में कम संकल्प व बोल ही हमें आध्यात्मिक व शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान करेंगे।खुद से मित्रता करना सीखें
आगे उन्होंने कहा कि मनुष्य निज से स्वतंत्रता पूर्वक मित्रता करना सीखे। गीता में भगवान कहते हैं कि आत्मा अपना मित्र व शतर््स्वयं है। स्वयं में डूबने से अकेले में ही कमाई अधिक होती है। साथी सम्बन्धी से बात करने में आया हुआ ग्राहक भी दुकानदार गंवा बैठता है। उसी तरह कई बार हम अपने जीवन में आये हुए आध्यात्मिक सुअवसर को गंवा बैठते हैं। शांत समय में हमें अपने आप से बातें करनी चाहिए, क्योंकि स्वचिन्तन व परिवर्तन ही हमें परमात्मा के समीप लेकर आता है। कहा जीवन रूपी गाड़ी में दुर्घटना तो होती ही रहती है। आत्मा श्रेष्ठ विचार, पवित्र विचार करे तो दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। परमात्मा ही शाश्वत है, सृष्टि का यह खेल भी शाश्वत है, लेकिन सम्पति धन शाश्वत नहीं है। राजयोग शिविर में उपरिथित सैंकड़ो लोग उपस्थित थे। ब्रह्माकुमारी केन्द्र चौधरी बगान, हरमू रोड में नि:शुल्क सेवाएं उपलब्ध हैं। तनाव मुक्ति मेडीटेशन अनुभूति शिविर प्रात: 7 से 8.30, दोपहर 3 से 04.30 एवं संध्या 7 से 8.30 बजे तक प्रतिदिन चलता रहेगा है।