बंग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का रांची में विरोध
रांची (ब्यूरो) । बंगाली युवा मंच चेरिटेबल ट्रस्ट के आह्वान पर रविवार को रांची के 3 दिसंबर 1971 में बांग्लादेश के युद्ध में शहीद होने वाले अल्बर्ट एक्का चौक में बांग्लादेश में हो रहे हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में रांची के बंगाली एवं बंग्ला संस्थाओं द्वारा जोरदार विरोध किया गया। विरोध प्रदर्शन में बंगीय सांस्कृतिक परिषद, अपोन जन क्लब हैसाग, बासुदेव चटर्जी फाउंडेशन, हिनू बंगाली पूजा मंडप,बिना पानी क्लब,कॉसमॉस क्लब,कोकर बोंगो शक्ति, यूनियन क्लब एंड लाइब्रेरी, देशप्रिय क्लब एंड लाइब्रेरी, हरीमती मंदिर, नेताजी नगर कांटा टोली,अनंतपुर निवारणपुर बंगाली समिति, दुर्गाबाड़ी, बैटलिक जैसे रांची के कई संस्थाओं के लोग उपस्थित रहे। बंगाली युवा मंच के अध्यक्ष सिद्धार्थ घोष ने केंद्र सरकार से मांग किया की बांग्लादेश के तमाम हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करे साथ ही महिलाओं एवं बच्चों पर हो रहे अत्याचार अल्पसंख्यकों का जनहत्या उनके घरों में तोड़ फोड़ आगजनी एवं मंदिरों में तोडफ़ोड़ अविलंब रोका जाए।कई बार तख्तापलट
कहा गया कि पूरी दुनिया गवाह है कि बांग्लादेश कई बार तख्तापलट से गुजर चुका है और इस बार का तख्ता पलट सरकार का गिरना वहां की जनता एवं एवं के अनुसार तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रति नाराजगी एवं आरक्षण नीतियों के खिलाफ थी। ये समझ से परे है कि इन मुद्दों से भटक कर बांग्लादेश की बहुसंख्यक जनता अल्पसंख्यक हिंदुओं को हर बार की भांति इस बार भी अत्याचार कर रही है।