बुराइयां बढऩे पर सृष्टि संतुलन के लिए इश्वरीय शक्ति
रांची(ब्यूरो)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेवा केन्द्र चौधरी बगान, हरमू रोड, रांची की ओर से महाशिवरात्रि का पर्व दीप जलाकर मनाया गया। अभियंता चन्द्रदेव सिंह ने कहा कि मानव मस्तिष्क की विकृति से समाज के लिए समस्याएंखड़ी हुई हैं और राजयोग से शुद्धिकरण करने से ही वो दूर होंगी। आज सभी की इच्छा विकृतियों को नष्ट करके सुन्दर समाज बनाने करने की है। जब बुराइयों की वृद्धि व धर्म की अवहेलना होने लगती है, तब सृष्टि का संतुलन संभालने के लिए ईश्वरीय शक्ति सक्रिय होती है। यही ईश्वरीय शक्ति ईश्वरीय विश्वविद्यालय के माध्यम से युग परिवर्तन का दिव्य कर्तव्य अभी निभा रहा है, जिसका यादगार पर्व शिवरात्रि है। आत्म विस्मृति से पुन: आत्म स्मृति में मानवों को लाना ही शिव द्वारा उद्घोषित क्रांति का लक्ष्य है और इसी में मानव की सभी समस्याओं का समाधान है।मूल स्वभाव से कटा मानव
विशिष्ट अतिथि अंजिला गोयनका, सीए ने कहा आज मानव इतिहास पुन: महत्वपूर्ण मोड़ पर आ पहुंचा है जहां एक ओर मानव उत्थान की अनंत संभावनाएं हैं तो दूसरी ओर उसके समूल विनाश की पूरी तैयारी है। मानव जाति को ऐसे बारूद की ढेरी पर लाकर खड़ा कर दिया है, जिसमें किसी भी समय विस्फोट हो सकता है। सर्व भौतिक साधन होते भी मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है और अपने मूल स्वभाव शान्ति, प्रेम व आनन्द से मानव का सम्पर्क टूट गया है। शिव परमात्मा के आने का यह अनुकूल समय है और उनका कार्य चल रहा है।सच्चा शिव विवाहडॉ कृष्णा प्रसाद वैज्ञानिक ने कहा कि ज्ञान सागर शिव परमात्मा हमें प्राय: लोप गीता ज्ञान सुनाकर स्वधर्म की शिक्षा दे रहे हैं। निराकार आत्मा का निराकार परमात्मा से आनंददायक मंगल मिलन ही सच्चा शिव विवाह है। इस मंगल मिलन से मनुष्य जीवनमुक्त व गृहस्थ जीवन आश्रम बन जाता है। आज मानव मात्र का यह परम कर्तव्य है कि पांच विकार शिव पर अर्पण करके सतयुगी सृष्टि के ईश्वरीय कार्य में सहयोगी बनें।