पीएचडी चैंबर का रांची में बौद्धिक संपदा यात्रा पर सेमिनार
रांची (ब्यूरो) । उद्योग विभाग झारखंड सरकार के सचिव जितेंद्र कुमार ने कहा कि झारखंड में जियोग्राफिकल इंडीकेटर (जीआइ टैग) का बड़ा स्कोप है। राज्य में कई ऐसे प्रोडक्ट है, जिसका जीआइ टैग कर उन्हें विश्वस्तर पर पहचान दी जा सकती है। राज्य में सोहराई व सोहबर और डोकरा कला को जीआइ टैग मिला है। कई ऐसे प्रोडक्ट को जीआई टैग के चिन्हित किया गया है। किसी भी क्षेत्र का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है, उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। उस उत्पाद की ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिए एक प्रक्रिया होती है। इसकी जानकारी राज्यवासियों को नहीं है। जागरूकता जरूरी है। जीआइ टैग नहीं मिला
उद्योग सचिव शुक्रवार को आड्रे हाउस में दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की बौद्धिक संपदा (आईपी) यात्रा पर आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इसका आयोजन विकास आयुक्त कार्यालय, एमएसएमई मंत्रालय, सरकार के सहयोग से पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री रांची ने किया। उद्योग सचिव ने कहा कि झारखंड में जनसंख्या के हिसाब से कई प्रोडक्ट को जीआइ टैग नहीं मिला है। सरकार का प्रयास है कि जिन उत्पादों को चिन्हित किया गया है, उन्हें जीआइ टैग के मदद से विश्वस्तर पर पहचान दिलाये। जीआइ टैग होने से प्रोडक्ट का वैल्यू भी बढ़ता है और उसका लाभ भविष्य में दिखेगा।